Delhi के Uttam Nagar में Three-storey building गिरी – एक महिला की मौत, 5 साल की बेटी injured

राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर के हस्तसल विहार इलाके में शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहां एक तीन मंजिला इमारत का हिस्सा अचानक गिर गया, जिसमें 32 साल की महिला पूनम की मौत हो गई और उनकी 5 साल की बेटी नव्या गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

हादसा कैसे हुआ

यह घटना शुक्रवार दोपहर करीब 3:10 बजे हुई। बताया जा रहा है कि इमारत के ऊपरी हिस्से में मरम्मत और निर्माण का काम चल रहा था। उस दौरान कुछ गर्डर (लोहे के सपोर्ट बीम) हटाए जा रहे थे, तभी अचानक इमारत का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया। नीचे कमरे में मौजूद पूनम और उनकी बेटी नव्या मलबे में दब गईं।

रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की जानकारी मिलते ही फायर सर्विस, एनडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम और बीएसईएस की टीमें मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और मलबे में फंसी मां-बेटी को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पूनम को मृत घोषित कर दिया।
बेटी नव्या फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है।

इमारत की स्थिति और प्रशासनिक जानकारी

मिली जानकारी के मुताबिक यह इमारत करीब 48 वर्ग गज के प्लॉट पर बनी थी। यह एक तीन मंजिला बिल्डिंग थी — जिसमें ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और आंशिक सेकंड फ्लोर शामिल था। बताया जा रहा है कि इमारत का मालिक नीरज नाम का व्यक्ति है, जिसने यह मकान प्रदीप यादव से खरीदा था।

दिल्ली प्रशासन ने पहले ही इस इमारत को 20 अक्टूबर तक खाली करने का नोटिस जारी किया था, क्योंकि बिल्डिंग की हालत खराब थी। लेकिन परिवार फिर भी वहीं रह रहा था।

जांच जारी

पुलिस और प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इमारत में निर्माण के दौरान सुरक्षा नियमों का सही पालन नहीं किया गया था
फिलहाल पुलिस ने मकान मालिक और ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही के मामले में पूछताछ शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इलाके के लोगों का कहना है कि बिल्डिंग काफी पुरानी थी और लंबे समय से उसमें दरारें (cracks) दिखाई दे रही थीं। कई बार लोगों ने शिकायत भी की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद आसपास की इमारतों की भी जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।

यह हादसा दिल्ली में बिल्डिंग सेफ्टी और अवैध निर्माणों पर एक बार फिर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इलाके में मौजूद कमजोर और जर्जर इमारतों की तुरंत जांच की जाए ताकि किसी और की जान न जाए।

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