Kejriwal-Mann की जोड़ी ने रचा इतिहास: पंजाब सरकार की इस पहल से अब छात्र Job Seeker नहीं बल्कि Job Giver बनेंगे!

पंजाब की सरज़मीं पर उद्यमिता की एक नई सुबह का उदय हो चुका है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब के दौरे पर हैं और जनता को एक ऐसे ऐतिहासिक फैसले से अवगत करा रहे हैं, जो राज्य के युवाओं का भविष्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश की दिशा भी बदलने वाला है। इस दौरे के दौरान केजरीवाल और मान की जोड़ी एक अलग ही ऊर्जा के साथ नज़र आ रही है। दोनों नेता मिलकर पंजाब में एक ऐसी शिक्षा क्रांति की शुरुआत कर चुके हैं, जो युवाओं को सिर्फ नौकरी की दौड़ से निकालकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर रही है।

जहां पहले युवाओं को डिग्री के बावजूद रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ता था, वहीं अब भगवंत मान सरकार ने एक ऐसा कोर्स लागू किया है, जो हर छात्र को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाएगा। पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने “एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स (EMC)” को पूरी तरह अनिवार्य बना दिया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह कोर्स 20 विश्वविद्यालयों, 320 आईटीआई और 91 पॉलिटेक्निक संस्थानों में लागू कर दिया गया है। खास बात यह है कि यह कोर्स BBA, B.Com, B.Tech और B.Voc जैसे प्रमुख पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए जरूरी कर दिया गया है।

अब लगभग 1.5 लाख छात्र सिर्फ पढ़ाई नहीं करेंगे, बल्कि असली दुनिया में उतरकर अपना खुद का बिज़नेस खड़ा करके सीखेंगे। और यह संख्या 2028-29 तक बढ़कर 9 लाख से अधिक हो जाएगी। EMC कोर्स सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देता, बल्कि हर छात्र को हर सेमेस्टर में एक असली बिज़नेस या सर्विस शुरू करनी होती है और तय किए गए राजस्व लक्ष्यों को हासिल करना होता है। पहले सेमेस्टर में छात्र को ₹10,000 कमाने हैं, दूसरे में ₹40,000, तीसरे में ₹80,000, चौथे में ₹1,60,000 और पांचवें सेमेस्टर में ₹4,00,000 की कमाई का लक्ष्य दिया गया है। वहीं आईटीआई छात्रों के लिए पहले साल ₹40,000 और दूसरे साल ₹80,000 का टारगेट रखा गया है।

यानी अब छात्र सिर्फ डिग्री हासिल नहीं करेंगे, बल्कि पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी करेंगे। इस कोर्स को लागू करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। मास्टर यूनियन को इस कोर्स का आधिकारिक पार्टनर बनाया गया है, और इसके लिए एक AI-सक्षम, मल्टीलिंग्वल (पंजाबी, हिंदी, अंग्रेजी) प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए छात्र बिज़नेस प्लानिंग, डैशबोर्ड ट्रैकिंग, मेंटरशिप और साथी छात्रों के साथ इंटरैक्शन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

छात्र E-commerce, Content Creation, Freelancing, Professional Services और Retail जैसे कई वेंचर ट्रैक्स में से चुनाव कर सकते हैं। यह कोर्स नहीं, बल्कि एक पूरा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जो छात्रों को स्किल-आधारित, आत्मनिर्भर और विज़नरी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। केजरीवाल और मान के पंजाब दौरे के दौरान यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्रों का जोश देखने लायक है। अब तक 40 से ज्यादा ओरिएंटेशन सेशन आयोजित हो चुके हैं और छात्रों की प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक रही हैं।

20 यूनिवर्सिटीज की एकेडमिक काउंसिल इस कोर्स को पहले ही मंज़ूरी दे चुकी है। सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ Lovely Professional University, Chitkara University, GNA University और DAV Universities जैसी निजी यूनिवर्सिटीज ने भी इस पहल को सराहा है और सक्रिय रूप से लागू किया है। मई 2025 में इस कोर्स को विकसित करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया गया था, जिसमें पंजाब की प्रमुख यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर शामिल थे, जैसे पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, IK गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कपूरथला, सरदार बेअंत सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी गुरदासपुर, गुरु काशी यूनिवर्सिटी बठिंडा और संत बाबा भाग सिंह यूनिवर्सिटी जालंधर।

इस कोर्स की रूपरेखा तैयार करने में स्टार्टअप मिशन पंजाब, इनोवेशन पंजाब के सीईओ और मास्टर यूनियन के संस्थापक प्रथम मित्तल जैसे विशेषज्ञों की अहम भूमिका रही है। जून 2025 में पंजाब सरकार ने आधिकारिक एडवाइजरी जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से हर सेमेस्टर में इस कोर्स को 2 क्रेडिट के रूप में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। यह सिर्फ एक शुरुआत है — आने वाले वर्षों में इसे और विस्तारित किया जाएगा।

इस महत्वाकांक्षी पहल का आर्थिक असर भी बेहद बड़ा माना जा रहा है। अनुमान है कि 2028-29 तक छात्रों के बिज़नेस वेंचर्स से ₹78,600 करोड़ का रेवेन्यू उत्पन्न होगा, जो पंजाब की GDP का लगभग 9% और राज्य के वार्षिक बजट का लगभग 50% होगा। ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि पंजाब के युवाओं की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की सशक्त झलक है। अरविंद केजरीवाल ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विज़न के अनुरूप बताया है — एक ऐसा बदलाव जो डिग्री-आधारित शिक्षा को उद्यमिता-प्रेरित शिक्षा में बदलता है।

भगवंत मान सरकार की यह पहल एक बार फिर साबित करती है कि जब नीयत साफ हो और काम में ईमानदारी हो, तो बदलाव जरूर आता है। दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने शिक्षा क्रांति का परचम लहराया है। आने वाले वर्षों में पंजाब का हर नौजवान सिर्फ नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनेगा। यही असली आत्मनिर्भर भारत का सपना है — जो अब सिर्फ विचार नहीं, बल्कि हकीकत बन चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *