पंजाब में शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सुबह तक पुलिस ने अचानक एक बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान अखबारों की सप्लाई करने वाली गाड़ियों को रोककर तलाशी (checking) की गई।
यह चेकिंग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चली, जिससे कई जिलों में अखबार समय पर नहीं पहुंच पाए।
इस वजह से डिस्ट्रीब्यूटर और हॉकरों में नाराजगी देखने को मिली।
क्यों हुई यह Checking?
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई (drugs and weapons smuggling) से जुड़ा इनपुट (खुफिया जानकारी) मिला था।
इसी के बाद पूरे पंजाब में कई जगह नाकेबंदी लगाकर गाड़ियों की चेकिंग की गई।
चंडीगढ़ से जो अखबारों की गाड़ियां अलग-अलग जिलों के लिए जाती हैं, उन्हें रोपड़ के पास रोका गया।
हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान (official statement) जारी नहीं किया गया है।
SHO का बयान
इस मामले में लुधियाना कोतवाली थाने के SHO सुलखन सिंह ने बताया कि “शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक नाकेबंदी की गई थी।”
जब उनसे पूछा गया कि अखबारों की गाड़ियां ही क्यों रोकी गईं, तो उन्होंने कहा —
“इस बारे में सीनियर अधिकारी ही जानकारी देंगे। हमारे पास इनपुट था और सभी गाड़ियों की लिस्ट बनाई गई है।”
कहाँ-कहाँ रोकी गईं गाड़ियां
पुलिस की इस कार्रवाई का असर पंजाब के कई जिलों में दिखा
- कोटकपूरा और फरीदकोट: रविवार सुबह तक अखबार नहीं पहुंच पाए। पुलिस ने रास्ते में कई गाड़ियां रोक दीं, जिससे वितरण (distribution) ठप रहा।
- फाजिल्का: सिर्फ दैनिक भास्कर और एक अन्य अखबार की गाड़ी पहुंची। बाकी अखबारों की गाड़ियां चेकिंग में फंस गईं।
- अबोहर: SHO ने पहले अखबारों की गाड़ी रोक ली, लेकिन बाद में अनुमति दी गई। शहर में 4 जगह नाके लगाए गए थे।
- बरनाला: अखबार करीब डेढ़ घंटे लेट पहुंचे।
- नवांशहर और होशियारपुर: पुलिस की जांच की वजह से अखबार सुबह 6:30 बजे तक ही पहुंच सके।
- पठानकोट: यहां सप्लाई लगभग समय पर पहुंच गई।
- बटाला: अब तक अखबारों की गाड़ियां रुकी हुई हैं, सप्लाई पूरी नहीं हो पाई।
- तापा मंडी (बठिंडा): डिस्ट्रीब्यूटर राजेंद्र शर्मा ने बताया कि वह सरहिंद से अखबार लेकर निकले थे, लेकिन सुबह 4 बजे पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली।
नाके पर बठिंडा के DSP मौजूद थे। उन्होंने गाड़ी की पूरी तलाशी ली, बंडल खुलवाए और पूछा कि “क्या इसमें हिंदी और पंजाबी दोनों अखबार हैं?”
करीब आधे घंटे की जांच के बाद ही गाड़ी को जाने दिया गया।
डिस्ट्रीब्यूटरों की परेशानी
अखबार वितरकों (distributors) का कहना है कि रविवार को वैसे भी काम का दबाव (work pressure) ज्यादा रहता है।
ऊपर से पुलिस की इस कार्रवाई के कारण डिलीवरी लेट हुई, जिससे हॉकरों और पाठकों तक अखबार समय पर नहीं पहुंच पाए।
कुछ जगहों पर तो गाड़ियों को थानों में ले जाकर जांच की गई, जिससे देरी और बढ़ गई।
अब तक की स्थिति
- पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
- सीनियर अधिकारी चुप हैं।
- डिस्ट्रीब्यूटरों और मीडिया से जुड़े लोगों में नाराजगी और सवाल बने हुए हैं कि आखिर सिर्फ अखबारों की गाड़ियां ही क्यों रोकी गईं?
पुलिस की यह कार्रवाई भले ही सुरक्षा कारणों से की गई हो, लेकिन इससे न्यूज़ सप्लाई सिस्टम पर बड़ा असर पड़ा।
कई जिलों में रविवार को लोगों को अखबार देर से मिले और कई जगह डिलीवरी अधूरी रही।
अब सबकी नज़रें पुलिस के आधिकारिक बयान और जांच के नतीजों पर टिकी हैं।
