पंजाब की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने एलान किया है कि पंजाब के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का तीसरा बैच जल्द ही फिनलैंड भेजा जाएगा, ताकि उन्हें दुनिया की बेहतरीन शिक्षा पद्धतियों की ट्रेनिंग दी जा सके। उन्होंने साफ कहा कि चयन पूरी तरह मेरिट के आधार पर होगा, जिससे सबसे योग्य शिक्षक ही इस ट्रेनिंग में शामिल हो पाएंगे।
₹400 करोड़ से कंप्यूटर लैब अपग्रेडेशन
सरकार का लक्ष्य है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे भी तकनीक और डिजिटल शिक्षा में किसी से पीछे न रहें। इसके लिए ₹400 करोड़ की लागत से सरकारी स्कूलों की कंप्यूटर लैब्स को अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई है। नई तकनीक से लैस ये लैब्स छात्रों को पढ़ाई में मदद करेंगी और सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के बराबर खड़ा करेंगी।
सभी स्कूलों में इंटरएक्टिव पैनल
पढ़ाई को और ज्यादा रोचक और आधुनिक बनाने के लिए सरकार अब इंटरएक्टिव पैनल (smart boards) लगाने जा रही है। इससे बच्चों को डिजिटल क्लासरूम का अनुभव मिलेगा, जिससे पढ़ाई आसान और मज़ेदार हो जाएगी।
‘शिक्षकों से संवाद’ कार्यक्रम
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने संगरूर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में ‘शिक्षकों से संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों से मुलाकात कर उनके सुझाव और फीडबैक लिए। उनका कहना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्कूलों के ढांचे में सुधार के लिए शिक्षकों के सुझाव बेहद जरूरी हैं।
पिछली सरकारों पर निशाना
बैंस ने इस मौके पर पिछली सरकारों को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारें सिर्फ ‘ट्रांसफर’ और ‘टेंडर’ जैसे मामलों में उलझी रहीं। इन गलत नीतियों की वजह से शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचा। हमारी सरकार ने इस सिस्टम को बदलने का काम किया है और अब फोकस टीचर्स और स्टूडेंट्स की बेहतरी पर है।”
शिक्षकों की अहम भूमिका
मंत्री ने साफ कहा कि पंजाब को देश की सबसे बेहतरीन शिक्षा प्रणाली बनाने में शिक्षकों की मेहनत और उनके सुझावों की सबसे बड़ी भूमिका होगी। सरकार ने हर शिक्षक संगठन की बात को गंभीरता से सुना है और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है।
कुल मिलाकर, पंजाब सरकार का विज़न साफ है – सरकारी स्कूलों को आधुनिक बनाना, बच्चों को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की पढ़ाई देना और शिक्षकों को दुनिया के बेहतरीन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से जोड़ना।