पंजाब में दशकों बाद आई भयानक बाढ़ ने लोगों का जीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। इस मुश्किल समय में, मान सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी और लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। खासकर महिलाओं और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और देखभाल पर विशेष ध्यान दिया गया।
सरकार और राहत कार्य:
मान सरकार ने प्रभावित इलाकों में लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं। बोट एम्बुलेंस के जरिए प्रसव सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई गईं। एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया गया।
आप पार्टी की युवा और महिला विंग ने नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर और अन्य जिलों में राहत कार्य तेज कर दिए। कार्यकर्ताओं ने गाँव-गाँव जाकर राशन और जरूरी सामग्री पहुँचाई और खासकर महिलाओं और बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखा।
महिलाओं और गर्भवती महिलाओं की देखभाल:
फिरोजपुर और फाजिल्का के राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड और मच्छरदानी उपलब्ध करवाई गई। बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवाइयाँ दे रही हैं और लोगों को जल एवं वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूक कर रही हैं। ये कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं।
मान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में कोई रुकावट ना आए। स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष चिकित्सा शिविर भी लगाए, जहाँ गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच और दवाइयाँ उपलब्ध करवाई गई। गुरदासपुर में गंभीर रूप से बीमार गर्भवती महिलाओं को बचाने के लिए बोट एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया।
इन प्रयासों से आठ गर्भवती महिलाओं को बचाया गया, जिनमें से एक महिला ने बोट पर ही सुरक्षित डिलीवरी की और स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। सतलुज नदी के पास के 45 चिन्हित गर्भवती महिलाओं में से पिछले सप्ताह चार ने सुरक्षित डिलीवरी की — तीन सरकारी अस्पतालों में और एक निजी पैनल में।
सरकार का संदेश:
मान सरकार ने दिखा दिया कि संकट के समय मानवता और सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखा जाता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विशेष निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता मिले, खासकर गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालने और उनकी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए। 108 एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई।
सरकार की ओर से कहा गया, “कोई भी रसोईघर बिना भोजन के नहीं रहेगा, किसी भी महिला को व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।”
पंजाब में इस बाढ़ संकट के दौरान मान सरकार ने सिर्फ राहत और बचाव ही नहीं किया, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आवश्यकताओं पर भी खास ध्यान दिया। इस कठिन समय में सरकार की ये पहल यह दर्शाती है कि सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और मानवता हमेशा प्राथमिकता हैं।