लुधियाना वेस्ट उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को सैकड़ों कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ता अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। इन सभी का कहना है कि उन्हें अब आम आदमी पार्टी की नीतियों और भगवंत मान सरकार के काम पर भरोसा है।
पार्टी में शामिल करवाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष शैरी कलसी भी मौजूद थे। कटारूचक ने सभी नए साथियों का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि यह बदलाव इस बात का संकेत है कि लोग अब सच्ची राजनीति और ईमानदार नेताओं के साथ खड़े हो रहे हैं।
इन प्रमुख नेताओं ने थामा ‘आप‘ का झंडा
इस मौके पर जो कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, उनमें प्रमुख नाम हैं –
सुदेश कुमार डोगरा, भूपिंदर नागरा, आजाद गहलोत, अजीत टांक, कार्तिक टांक, गौरव, अरुण बिड़ला, प्रवेश कुमार, गुरमीत सिंह बंटी, प्रयांशु, बलजीत सिंह, गुरमीत सिंह और दविंदर शर्मा।
इन नेताओं ने मंच से कहा कि उन्हें कांग्रेस में अब कोई दिशा नहीं दिख रही थी। पार्टी जमीनी मुद्दों से कट चुकी है, जबकि आम आदमी पार्टी जनता के बीच रहकर काम कर रही है।
“AAP में है ईमानदारी और विकास का विज़न”
कैबिनेट मंत्री कटारूचक ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी एक ऐसी राजनीतिक ताकत बन चुकी है जो जनता के लिए, जनता के बीच काम करती है। उन्होंने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने काम करके दिखाया है – स्कूल, अस्पताल, रोजगार, सब में सुधार हो रहा है। यही वजह है कि दूसरे दलों से नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में आप में शामिल हो रहे हैं।”
“संजीव अरोड़ा को जिताएं, मिलेगा काम करने वाला विधायक”
इस मौके पर AAP के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शैरी कलसी ने लोगों से 19 जून को होने वाले उपचुनाव में आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा को जिताने की अपील की। उन्होंने कहा, “संजीव अरोड़ा एक बेहद ईमानदार और समझदार इंसान हैं। उन्हें जनता का दर्द पता है और वह हर गली-मोहल्ले का विकास करेंगे।”
कलसी ने कहा कि लुधियाना वेस्ट को एक ऐसा विधायक चाहिए जो लोगों के बीच रहे, उनकी बात सुने और हर समस्या का हल निकाले – और ये सब संजीव अरोड़ा में है।
लुधियाना वेस्ट की राजनीति में आम आदमी पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस से आए नेताओं की एंट्री से यह साफ है कि अब लोग उस राजनीति को चुन रहे हैं जिसमें जनता की भलाई हो, वादे पूरे हों और शासन में पारदर्शिता हो। अब देखना यह है कि 19 जून को जनता किस पर भरोसा जताती है।