खेती की ओर लौटता Punjab का युवा! CM Mann की नीतियों से 1,200+ युवा बने सफल ‘Agri-Businessmen’, Polyhouse Farming से कमा रहे लाखों रुपये

पंजाब की धरती पर एक नई शुरुआत हुई है — अब खेती सिर्फ बुज़ुर्गों का काम नहीं, बल्कि युवाओं का सपना भी बनती जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की किसान-हितैषी नीतियों और बागवानी विभाग की मेहनत ने खेती के मायने ही बदल दिए हैं। अब इंजीनियर, ग्रेजुएट और पढ़े-लिखे नौजवान नौकरी छोड़कर खेती को Agri-Business के रूप में अपना रहे हैं।

पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1,200 से ज़्यादा युवा खेती से जुड़कर सफल “कृषि-बिज़नेसमैन” बन चुके हैं। सरकार की ओर से दी जा रही 50% सब्सिडी और आधुनिक तकनीकों, खासतौर पर पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming) ने किसानों की आय को कई गुना बढ़ा दिया है।

लुधियाना के इंजीनियर ने चुनी खेती की राह

लुधियाना जिले के गांव सराभा के हरबीर सिंह ने इस बदलाव की मिसाल पेश की है। हरबीर ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन लाखों की नौकरी छोड़कर उन्होंने खेती को अपना करियर बनाया। उन्होंने बताया कि उन्हें खेती से जुड़ी पूरी ट्रेनिंग और जानकारी बागवानी विभाग की ओर से मिली।

हरबीर ने करतारपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सब्जियां) से ट्रेनिंग ली और बागवानी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सब्सिडी लेकर पॉलीहाउस लगाया। आज वे बीजरहित खीरा, रंगीन शिमला मिर्च, खरबूजा, आलू और मेथी जैसी फसलों की खेती कर रहे हैं।

कमाई ₹12 से ₹14 लाख तक

हरबीर सिंह की मेहनत रंग लाई — अब वह हर साल 12 से 14 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं। वे कहते हैं,

“खेती में सफलता मेहनत और सही मार्गदर्शन से ही मिलती है। बागवानी विभाग के अफसरों ने हर मुश्किल वक्त में मदद की। आज पॉलीहाउस खेती से मैं अपनी जिंदगी बेहतर बना पाया हूं।”

सरकार का पूरा समर्थन

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत के नेतृत्व में सरकार राज्य में खेती को आधुनिक रूप देने में जुटी है। बागवानी निदेशक श्रीमती शैलेंद्र कौर के अनुसार, हरबीर जैसे किसान इस बात का प्रमाण हैं कि यदि सही ट्रेनिंग और तकनीक मिले तो खेती आज के युवाओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है।

खेती में बदलाव – ‘रंगला पंजाबकी ओर कदम

पंजाब सरकार खेती में फसली विविधता (Crop Diversification) पर ज़ोर दे रही है ताकि किसान सिर्फ गेहूं-धान पर निर्भर न रहें। अब फल, सब्ज़ियां और फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। पॉलीहाउस जैसी तकनीक से किसान सालभर खेती कर सकते हैं और मौसम पर निर्भर नहीं रहते।

इस पहल से पंजाब में खेती फिर से युवाओं का पसंदीदा क्षेत्र बन रही है। हरबीर सिंह जैसे किसान अब सिर्फ अपनी जमीन नहीं जोत रहे, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा (Inspiration) बन रहे हैं।

नया चेहरा, नई सोच – ‘Agri Punjab’ की दिशा में कदम

आज पंजाब के युवा खेती को Modern Business Model की तरह देख रहे हैं। सरकार की मदद, टेक्नोलॉजी और मेहनत के बल पर किसान अब खुद Entrepreneur बन रहे हैं। यही है “रंगला पंजाब” का असली चेहरा — जहाँ खेती में नवाचार (Innovation), आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) और तरक्की (Progress) साथ चल रहे हैं।

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