नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। Gen-Z आंदोलन के बाद वहां हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता फैल गई है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में माहौल तनावपूर्ण है। इसे देखते हुए हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवारों की चिंता बढ़ गई है। हिसार और कुरुक्षेत्र जैसे इलाकों में काम करने वाले कई नेपाली अब अपने परिवार की खैर-खबर लेने के लिए नेपाल लौटने लगे हैं।
शुक्रवार को हिसार से कई परिवार बसों में सवार होकर नेपाल के लिए रवाना हुए। हिसार में 25 से 30 हजार तक नेपाली लोग रहते हैं। ये लोग ज्यादातर चौकीदार, होटल और घरों में कुक, घरेलू नौकर, रेस्टोरेंट वर्कर, फास्ट फूड वेंडर जैसे काम करते हैं।
नेपाल में हालात खराब होने के बाद अब ये लोग धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अगर नेपाल में तख्तापलट (political change) सफल रहा तो देश में सुधार होगा और उन्हें यहीं रोजगार के मौके मिलेंगे। वहीं कुछ लोग फिलहाल केवल परिवार को सुरक्षित करने के लिए वापस जा रहे हैं और हालात सामान्य होने पर हरियाणा लौटने की बात कह रहे हैं।
हिसार से लौटते नेपाली परिवार
हिसार से नेपाल जाने के लिए हर हफ्ते बस चलती है।
- हिसार से नेपाल बॉर्डर तक का किराया 1800 रुपये प्रति व्यक्ति है।
- इसके बाद यात्रियों को खुद अपने गांव तक पहुंचने की व्यवस्था करनी पड़ती है।
यात्रा के दौरान आने वाली मुश्किलें
नेपाल में इस समय कई इलाकों में गाड़ियां नहीं चल रहीं, जिससे लोगों को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। हिसार से चलने वाली बसें यात्रियों को बुटवल तक छोड़ती हैं, उसके बाद उन्हें खुद आगे का सफर करना पड़ता है।
नेपाल जाने वालों की कहानी
- रमेश थापा – “5 दिन से हालात देखकर डर लग रहा है”
रमेश थापा तीन महीने पहले ही नेपाल से भारत आए थे।
- पहले शिमला के सेब के बगीचों में काम किया।
- तीन दिन पहले हिसार पहुंचे थे।
- लेकिन पिछले पांच दिन से नेपाल के हालात की खबरें देखकर उन्होंने घर लौटने का फैसला किया।
“मैं अपने बेटे के साथ वापस जा रहा हूं। घर वालों की चिंता हो रही है। यहां काम करने का कोई फायदा नहीं अगर परिवार सुरक्षित न हो।”
- लबवत राम – “कमाने आए थे, अब परिवार की चिंता में लौट रहे हैं”
लबवत राम हिसार के एक रेस्टोरेंट में काम करते थे।
- वे यहीं कमाई करने और बाद में परिवार को बुलाने की सोच रहे थे।
- लेकिन अब नेपाल में हिंसा और डर का माहौल देखकर सब कुछ छोड़कर वापस जा रहे हैं।
“बस वाले ने हमें भरोसा दिया है कि वह हमें बॉर्डर तक पहुंचा देगा। उसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।”
- रूप बहादुर – “पुराने नेताओं को हटाना जरूरी था”
रूप बहादुर हिसार के एक मैरिज पैलेस में काम करते हैं।
- वे छह महीने पहले नेपाल से आए थे।
“हम उम्मीद कर रहे हैं कि देश में ये बदलाव अच्छे के लिए होगा। अगर हालात ठीक हो गए तो हम नेपाल में ही रहकर कमाएंगे और वहीं अपनी जिंदगी बसाएंगे।”
- राजन – “बुटवल के बाद खुद करना होगा इंतजाम”
राजन एक साल से हिसार में होटल में काम कर रहे थे।
“नेपाल में इस समय गाड़ियां नहीं चल रहीं। हिसार से जो बस जा रही है वह हमें सिर्फ बुटवल तक छोड़ेगी। वहां से हमें पैदल या जैसे भी हो, अपने गांव तक जाना होगा।”
उनका गांव पहाड़ी इलाके में है, जो फिलहाल सुरक्षित है।
कुरुक्षेत्र का मामला – निर्मल सिंह का परिवार
हिसार के अलावा कुरुक्षेत्र के पेहवा में रहने वाले निर्मल सिंह का परिवार भी नेपाल में फंसा हुआ है।
निर्मल सिंह 2009 में भारत आए और पेहवा के मेन बाजार में चाइनीज फास्ट फूड स्टॉल लगाया।
- कुछ समय बाद उनका परिवार भी उनके साथ रहने लगा।
- आज भी वह इसी स्टॉल से अपनी आजीविका चला रहे हैं।
निर्मल का परिवार इस समय दो हिस्सों में बंटा हुआ है।
- पत्नी कमला और छोटा बेटा दिनेश दो हफ्ते पहले नेपाल गए थे और सुरक्षित घर पहुंच चुके हैं।
- लेकिन बड़ा बेटा राज सिंह और छोटी बेटी का परिवार अभी काठमांडू में फंसा हुआ है।
निर्मल के बेटे राज सिंह की दो साल पहले शादी हुई थी।
- बहू आशिका गर्भवती है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है।
- इसी कारण कमला नेपाल बहू के पास चली गईं।
- राज सिंह काठमांडू में अपनी बहन ज्योति के ससुराल में रहकर जापानी भाषा सीख रहा था।
- हिंसा के बीच घर लौटते समय भगदड़ में गिर गया, जिससे उसके हाथ में चोट लग गई।
निर्मल सिंह का कहना है कि वे भी परिवार के पास जाना चाहते हैं लेकिन बॉर्डर बंद होने की वजह से नहीं जा पा रहे।
“अभी मैं वीडियो कॉल पर परिवार से बात कर रहा हूं। बॉर्डर खुलते ही मैं नेपाल जाऊंगा।
सबसे ज्यादा चिंता मुझे काठमांडू में फंसे अपने बेटे और बेटी के परिवार की है।”
नेपाल में स्थिति और उम्मीद
नेपाल में इस समय राजनीतिक हलचल तेज है।
- Gen-Z आंदोलन ने देशभर में माहौल गरमा दिया है।
- कई जगह हिंसा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- लोगों का मानना है कि यह तख्तापलट नेपाल को एक नई दिशा दे सकता है।
कुछ लोगों को उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और देश में रोजगार बढ़ेगा।
वहीं, फिलहाल प्राथमिकता सिर्फ परिवार की सुरक्षा है।
- हरियाणा में रह रहे नेपाली परिवार अब घर लौटने लगे हैं।
- हिसार से बसों में भरकर लोग बुटवल तक जा रहे हैं और वहां से आगे का सफर खुद तय कर रहे हैं।
- कुरुक्षेत्र के निर्मल सिंह जैसे लोग बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
- नेपाल की सड़कों पर फिलहाल तनाव, हिंसा और अनिश्चितता का माहौल है।
- हर कोई अपने तरीके से इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है।