भारत ने 18 जुलाई 2025 को अमेरिका के उस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया, जिसमें अमेरिका ने The Resistance Front (TRF) को Foreign Terrorist Organization (FTO) और Specially Designated Global Terrorist (SDGT) घोषित किया है। TRF, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप (proxy) है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है।
अमेरिका का फैसला क्यों है अहम?
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि TRF को आतंकी घोषित करना अमेरिका की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह फैसला अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
TRF ने इस हमले की ज़िम्मेदारी खुद ली थी, जिससे यह साफ हो गया कि यह संगठन भारत के खिलाफ लगातार आतंक फैलाने में जुटा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि,
“यह फैसला भारत और अमेरिका के बीच गहरी सहयोग भावना को दिखाता है, और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम है।”
भारत ने इस कदम को “वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के लिए जवाबदेही तय करने की दिशा में एक बड़ी सफलता” बताया।
भारत की कोशिशें – ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक मिशन
पिछले कुछ महीनों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए।
सबसे बड़ा कदम रहा “ऑपरेशन सिंदूर”, जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की।
इसके बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी आवाज उठाई, लेकिन UN का प्रस्ताव TRF का नाम नहीं ले पाया – जो भारत के लिए निराशाजनक था।
हालांकि, भारत ने हार नहीं मानी और अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर 2 जुलाई को वॉशिंगटन D.C. में Quad की बैठक में आतंकवाद पर चर्चा की। यह सब प्रयास आज रंग लाते दिख रहे हैं।
अब आगे क्या?
भारत ने सवाल उठाया है कि जब आतंकवाद बॉर्डर के पार से चल रहा है, तो लड़ाई भी “बॉर्डरलेस” यानी सीमा रहित होनी चाहिए।
क्या कर सकते हैं बाकी देश?
- आतंकी संगठनों को फंडिंग देने वालों पर रोक लगाई जाए
- जिन देशों में आतंकी पनपते हैं, उन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए
- सोशल मीडिया पर फैल रहे कट्टरपंथ पर लगाम लगे
- आतंकवाद से जुड़े लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाए
अमेरिका द्वारा TRF को आतंकी घोषित करना न सिर्फ भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है, बल्कि यह एक साफ संदेश भी है – अब आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह कदम आने वाले समय में आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करेगा, और पीड़ितों को न्याय की उम्मीद देगा।