दिल्ली के लाल क़िले के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच हर रोज़ नए मोड़ ले रही है। अब इस केस में हरियाणा की Al-Falah University, Faridabad जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुकी है। पुलिस और जांच एजेंसियों को यूनिवर्सिटी कैंपस से एक और संदिग्ध कार मिली है, जिससे मामला और गहरा गया है।
Al-Falah University की पार्किंग से मिली संदिग्ध कार
फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने काले रंग की Maruti Brezza बरामद की है, जो यूनिवर्सिटी की पार्किंग में बंद मिली।
शुरुआती जांच में यह कार दिल्ली ब्लास्ट मॉड्यूल से जुड़ी पाई जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस यूनिवर्सिटी का इस्तेमाल ब्लास्ट की प्लानिंग और कई गतिविधियों को छुपाने के लिए किया गया हो।
ब्लास्ट के अगले ही दिन एक और कार बरामद
सोमवार को दिल्ली के लाल क़िले के पास Hyundai i20 में हुए ब्लास्ट के बाद जांच टीम को अगले ही दिन फरीदाबाद के कंडावली गांव में एक और कार मिली, जो इस मॉड्यूल का हिस्सा बताई जा रही है।
कार को तुरंत सीज़ किया गया और बम स्क्वाड को बुलाया गया।
एक व्यक्ति जिसने यह कार गांव में खड़ी की थी, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और बाद में उसे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया।
ब्लास्ट में अब तक 13 लोगों की मौत
इस हमले में घायल एक और व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो चुकी है।
सरकार ने इसे आतंकी हमला घोषित कर दिया है।
आतंकी मॉड्यूल की बड़ी साज़िश — 32 जगह ब्लास्ट की योजना
जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि इस मॉड्यूल का प्लान सिर्फ एक ब्लास्ट तक सीमित नहीं था।
आरोपियों ने 32 और लोकेशंस पर धमाके करने की साज़िश बनाई हुई थी।
इससे यह साफ है कि यह एक वेल-ओर्गनाइज़्ड और हाई-फंडेड टेरर प्लान था।
‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’: डॉक्टरों की गिरफ्तारी
इस केस में अब तक दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है—
- Umar Un Nabi
- Shaheen Shahid
ये दोनों डॉक्टर अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे।
जांच में सामने आया कि इन लोगों ने ब्लास्ट में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों के लिए 26 लाख रुपये एकत्र किए थे।
इस कारण मीडिया इस ग्रुप को “White-Collar Terror Module” बता रही है, क्योंकि ये पढ़े-लिखे प्रोफेशनल थे।
यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई — AIU ने सदस्यता रद्द की
Association of Indian Universities (AIU) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मेंबरशिप रद्द कर दी है।
यह कार्रवाई सीधे ब्लास्ट केस से जुड़े विवादों और जांच को देखते हुए की गई।
NAAC ने भी यूनिवर्सिटी को नोटिस भेजा
जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी अपनी वेबसाइट पर NAAC ग्रेड A दिखा रही थी, जबकि यह ग्रेड पहले ही expire हो चुका था।
इस मामले में NAAC ने show-cause notice जारी किया है और स्पष्टीकरण माँगा है।
8 प्रोफेसरों ने दिया इस्तीफ़ा – मैनेजमेंट ने स्वीकार नहीं किया
ब्लास्ट केस की जांच तेज़ होने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर रहे लगभग 8 प्रोफेसरों ने अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया।
सूत्रों के मुताबिक इन प्रोफेसरों पर भी संदेह है कि वे किसी तरह इस मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं।
हालाँकि, यूनिवर्सिटी ने इन इस्तीफ़ों को स्वीकार नहीं किया है।
2,900 किलो संदिग्ध सामग्री बरामद
जांच टीम को फरीदाबाद में एक किराये के घर से 2,900 किलो विस्फोटक बनाने वाली सामग्री मिली है।
यह अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी में से एक है, जो साबित करती है कि मॉड्यूल बहुत बड़ा और ख़तरनाक था।
निष्कर्ष: जांच जारी — और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं
दिल्ली ब्लास्ट केस अब सिर्फ एक ब्लास्ट की जांच नहीं है।
यह एक बड़े, सुनियोजित आतंकी नेटवर्क की परतें खोल रहा है, जिसमें
- डॉक्टर,
- यूनिवर्सिटी कर्मचारी,
- और कई अन्य लोग
शामिल पाए जा रहे हैं।
जांच एजेंसियाँ आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी तथा खुलासे कर सकती हैं।
