1 जुलाई 2025 को गोरखपुर स्थित AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में पहला दीक्षांत समारोह (Convocation) बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस खास मौके पर देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु खुद गोरखपुर पहुंचीं और समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और गोरखपुर के सांसद व अभिनेता श्री रवि किशन भी मौजूद रहे। सभी ने मंच से नव-डॉक्टरों को बधाई दी और उनसे देश के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का आह्वान किया।
नव डॉक्टरों को मिली उपाधि
दीक्षांत समारोह में AIIMS गोरखपुर से पासआउट हुए MBBS के छात्रों को डिग्री (Degree) दी गई। यह पल उनके लिए बहुत खास था, क्योंकि ये छात्र अब स्वास्थ्य सेवाओं के असली योद्धा बनकर समाज में उतरेंगे। राष्ट्रपति ने खुद अपने हाथों से कई छात्रों को डिग्री दी और उन्हें आशीर्वाद भी दिया।
विकसित भारत के लिए स्वस्थ भारत जरूरी
समारोह के दौरान मंच से भाषण देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अगर हमें अपने देश को विकसित भारत बनाना है, तो सबसे पहले उसे स्वस्थ भारत बनाना होगा। और स्वस्थ भारत तभी संभव है जब हमारे पास समर्थ स्वास्थ्य सेवाएं और समर्पित डॉक्टर हों।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच को आगे बढ़ाते हुए कहा कि AIIMS जैसे संस्थान उस सोच को ज़मीन पर उतारने का काम कर रहे हैं।
AIIMS गोरखपुर की उपलब्धि
AIIMS गोरखपुर का यह पहला दीक्षांत समारोह इस बात का सबूत है कि यह संस्थान अब सिर्फ इलाज का ही नहीं, बल्कि उच्चस्तरीय मेडिकल शिक्षा का भी केंद्र बन चुका है। यहां पढ़ने वाले छात्र अब देशभर में सेवा देने के लिए तैयार हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि AIIMS जैसे संस्थान गांव और दूरदराज के इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
भविष्य के डॉक्टरों से उम्मीद
समारोह में मौजूद सभी अतिथियों ने नए डॉक्टरों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। सांसद रवि किशन ने कहा कि अब ये छात्र सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए नई उम्मीद बनकर उभरेंगे।
राष्ट्रपति ने भी कहा कि “आप सब स्वस्थ भारत के नव निर्माता हैं। आपकी मेहनत और सेवा देश को मजबूती देगी।”
AIIMS गोरखपुर का पहला दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए एक यादगार दिन रहा, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी एक नई शुरुआत साबित हुआ। यह कार्यक्रम एक मजबूत और स्वस्थ भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।