हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा प्रदर्शन करते हुए पंजाब और गुजरात में दो अहम सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत को पार्टी के लिए एक नया जोश और जनता के भरोसे की मजबूत मुहर माना जा रहा है।
पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट से जीत
पंजाब के लुधियाना वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के संदीप अरोड़ा ने बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को करीब 10,000 से ज्यादा वोटों से हराया। यह सीट पहले कांग्रेस के पास थी, लेकिन अब AAP ने उसे भी अपने पाले में कर लिया है।
इस सीट पर जीत के बाद AAP ने कहा कि यह पंजाब में पार्टी के सुशासन (good governance) और विकास कार्यों का नतीजा है। लोगों ने दोबारा भरोसा जताया है।
गुजरात की विसावदर सीट से गोपाल इटालिया की वापसी
गुजरात की विसावदर विधानसभा सीट से AAP नेता गोपाल इटालिया ने भाजपा उम्मीदवार किरण पटेल को 17,554 वोटों के अंतर से हराकर शानदार वापसी की। गोपाल इटालिया पहले AAP गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उनका यह जीतना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि है।
वहीं, गुजरात की एक और सीट कड़ी से बीजेपी ने जीत दर्ज की, लेकिन AAP ने साफ किया कि राज्य में अब लोग बदलाव चाहते हैं।
केजरीवाल का कांग्रेस और बीजेपी पर तीखा वार
AAP की इस जीत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा:
“लुधियाना और विसावदर की जनता ने BJP और Congress दोनों को नकार दिया है। ये सिर्फ उपचुनाव नहीं थे, बल्कि 2027 के लिए एक ‘सेमीफाइनल‘ थे।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके राज्यसभा जाने की खबरें सिर्फ अफवाह हैं और AAP की राजनीतिक समिति जो भी फैसला लेगी, वही मान्य होगा।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु और पवन खेड़ा ने केजरीवाल पर पलटवार किया। आशु ने आरोप लगाया कि केजरीवाल पंजाब में दिल्ली के लोगों को थोपना चाहते हैं और पंजाब की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं।
वहीं पवन खेड़ा ने AAP के उस बयान की आलोचना की जिसमें कहा गया था कि सिर्फ सत्ताधारी पार्टी के विधायक ही विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सोच लोकतंत्र के खिलाफ है।
राजनीतिक असर
- AAP की ताकत: पंजाब और गुजरात की जीत से पार्टी को 2027 चुनाव से पहले बड़ी ऊर्जा मिली है।
- BJP-Congress को झटका: इन सीटों पर जनता ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को नकारा है।
- तीसरे विकल्प की ओर इशारा: अब AAP खुद को BJP और Congress के विकल्प के रूप में पेश कर रही है।
पंजाब और गुजरात की ये दो सीटें सिर्फ उपचुनाव नहीं थीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी थीं – कि आम आदमी पार्टी अब सिर्फ दिल्ली और पंजाब तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मज़बूत करने की ओर बढ़ रही है। जनता का भरोसा मिलना AAP के लिए आने वाले समय में बहुत अहम साबित हो सकता है।