तरनतारन विधानसभा हलके में होने वाले उपचुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ा राजनीतिक फायदा मिला है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कई जाने-माने और प्रभावशाली परिवारों ने पार्टी छोड़कर ‘आप’ का हाथ थाम लिया। इस मौके पर लोगों में साफ दिखा कि वो अब बदलाव और ईमानदार राजनीति की तरफ बढ़ना चाहते हैं।
प्रमुख अकाली परिवारों ने थामा ‘आप’ का दामन
शिरोमणि अकाली दल के कई पुराने और सम्मानित परिवारों ने रविवार को आम आदमी पार्टी में शामिल होकर बड़ा राजनीतिक संदेश दिया।
‘आप’ की जन-हितैषी और पारदर्शी राजनीति से प्रेरित होकर सैकड़ों अकाली समर्थक पार्टी में शामिल हुए।
राजासांसी मार्केट कमेटी के चेयरमैन वरुण कुमार और नरिंदर सिंह नागी की प्रेरणा से कई परिवार —
सतनाम सिंह, मनोहर लाल, प्रीत सिंह हैप्पी, साजन, परम कुमार, रोहित, आशु, प्रिंस, तरन, अमरीक सिंह, जोगा सिंह, साजन और हरप्रीत सिंह — ने अकाली दल को अलविदा कहकर ‘आप’ जॉइन की।
इसी तरह, AAP नेता जसबीर सिंह सौंध से प्रेरित होकर सहबदीप सिंह, गुरशेर सिंह, जरमनजीत सिंह, गुलजार सिंह, अवतार सिंह, शरणजीत सिंह, मुहब्बत सिंह, गुरदीप सिंह, गुरसेवक सिंह, मनवीर सिंह और जबलप्रीत सिंह समेत कई परिवारों ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली।
AAP नेताओं ने किया स्वागत
इन सभी परिवारों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस मौके पर
AAP पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष अमनशेर सिंह शैरी कलसी,
प्रदेश महासचिव डॉ. एस.एस. आहलूवालिया,
चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट,
और आप नेता सुर सिंह मौजूद रहे।
“AAP में काम से मिलता है सम्मान, सिफारिश से नहीं” — शैरी कलसी
मीडिया से बात करते हुए अमनशेर सिंह शैरी कलसी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ही सच में आम लोगों की पार्टी है। उन्होंने कहा कि यहां किसी को आगे बढ़ने के लिए किसी की सिफारिश या मेहरबानी की जरूरत नहीं होती।
“AAP में जो ईमानदारी से जनता की सेवा करता है, उसे उसकी मेहनत के दम पर सम्मान और जिम्मेदारी मिलती है,” शैरी कलसी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के दरवाजे उन सभी लोगों के लिए खुले हैं जो बिना किसी स्वार्थ के पंजाब की सेवा करना चाहते हैं।
नए सदस्यों का स्वागत और अकाली दल पर निशाना
डॉ. एस.एस. आहलूवालिया और हरचंद सिंह बरसट ने सभी नए सदस्यों को बधाई दी और कहा कि उन्होंने सही समय पर समझदारी भरा फैसला लिया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि अकाली दल अब अपने असली रास्ते से भटक गया है और जनता ने उसे बार-बार नकार दिया है।
“अब अकाली दल ‘पंथ’ की पार्टी नहीं रही। पंजाब के लोग अब उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे,” उन्होंने कहा।
भाजपा के फैसले पर भी तीखी प्रतिक्रिया
‘आप’ नेताओं ने इस मौके पर भाजपा सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की सीनेट को भंग करने के फैसले की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के अधिकारों पर सीधा हमला है।
हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हमेशा पंजाब के हितों के लिए मजबूती से आवाज उठाई है।
“चाहे पंजाब के पानी का मामला हो, केंद्र से बकाया फंड्स की बात हो या फिर राज्य के संवैधानिक अधिकार — भगवंत मान हर बार पंजाब के पक्ष में डटकर खड़े रहे हैं,” बरसट ने कहा।
AAP उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू को मिली मजबूती
इन परिवारों के पार्टी में आने से AAP उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू को तरनतारन उपचुनाव में काफी मजबूती मिली है।
यह कदम यह भी दर्शाता है कि पंजाब की जनता अब पारदर्शी, जन-केंद्रित और ईमानदार राजनीति पर भरोसा कर रही है।
तरनतारन की यह हलचल दिखाती है कि राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव चल रहा है। आम आदमी पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है, और अकाली दल की पकड़ ढीली होती दिख रही है।
उपचुनाव से पहले AAP के लिए यह एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला मौका है, जबकि विपक्षी दलों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है।
