22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र चंडीगढ़ में भी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद Kataria ने राजभवन में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव, गृह सचिव, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), एसएसपी (सुरक्षा एवं ट्रैफिक), और एसएसपी चंडीगढ़ मौजूद रहे।
बैठक में चंडीगढ़ की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा महत्वपूर्ण संस्थानों की रक्षा के लिए सतर्कता और निगरानी को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी संबंधित विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए ताकि शहर में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
मीटिंग के दौरान गवर्नर Kataria ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिसका जबाव देते हुए चंडीगढ़ डीजीपी ने गवर्नर को आश्वस्त किया कि चंडीगढ़ में गश्त को और अधिक तेज कर दिया गया है, सभी जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं और नागरिकों की सुरक्षा को पूरी तरह सुनिश्चित किया जाएगा और हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि शहरवासी खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर सकें।

आतंकी हमले में 27 लोगों की हुई मौ/त
मंगलवार दोपहर पहलगाम में आतंकी हमले में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक शामिल हैं, जबकि नेपाल और UAE के एक-एक पर्यटक भी इस हमले का शिकार हुए।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है। संदिग्ध आतंकियों के स्केच भी जारी कर दिए गए हैं, जिनमें आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा के नाम सामने आए हैं।