कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के. मुरलीधरन ने रविवार को एक बड़ा बयान देकर शशि थरूर और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान को और हवा दे दी। मुरलीधरन ने साफ कहा कि जब तक शशि थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपना रुख नहीं बदलते, तब तक उन्हें तिरुवनंतपुरम में होने वाले किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा।
मुरलीधरन ने कहा, “थरूर अब हमारे साथ नहीं हैं। इसलिए यह कहना ही गलत है कि वह किसी कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। जब वह हमारे साथ ही नहीं हैं, तो बहिष्कार का सवाल ही नहीं उठता।”
उन्होंने आगे कहा कि शशि थरूर, जो कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य भी हैं, अब पार्टी के करीबी नहीं माने जा रहे हैं। “राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए,” मुरलीधरन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा।
यह विवाद तब और गहरा गया जब शनिवार को शशि थरूर ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में कहा कि देश पहले आता है, पार्टियाँ बाद में। उन्होंने कहा, “बहुत से लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि मैंने हाल ही में देश की सुरक्षा और सेनाओं को लेकर केंद्र सरकार का समर्थन किया है। लेकिन मैं अपने स्टैंड पर कायम रहूँगा, क्योंकि मुझे लगता है कि यह देश के लिए सही है।”
थरूर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब देश की सीमाओं से जुड़ी हालिया घटनाओं को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि राजनीति से ऊपर देश की भलाई है और वह अपने विचारों से पीछे नहीं हटेंगे।
इस पूरे मामले से यह साफ झलकता है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर मतभेद और आंतरिक खींचतान अब सार्वजनिक रूप लेने लगी है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और थरूर को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।