UP में Panchayat Elections और राजनीति का IPL: 2026 में Cricket और Political रोमांच साथ-साथ!

IPL-2025 अब खत्म हो चुका है, लेकिन यूपी में अगले साल का IPL और पंचायत चुनाव एक साथ होने जा रहा है। यानि 2026 में क्रिकेट के मैदान में चौकों-छक्कों की धूम तो होगी ही, साथ ही यूपी की राजनीति में भी पंचायत चुनाव के जरिए बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।

यह पंचायत चुनाव सिर्फ गांवों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल साबित हो सकता है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे बड़े दलों के लिए यह चुनाव बेहद अहम होगा। उनके विधायक और सांसदों की भी अग्निपरीक्षा मानी जाएगी।

क्यों कहा जा रहा है पंचायत चुनाव को राजनीति का IPL?

यूपी में राजनीति की जड़ें अक्सर गांव से ही निकलती हैं। कई ऐसे नेता हैं जो ग्राम प्रधान से शुरू होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। श्रीपति मिश्रा इसका बड़ा उदाहरण हैं, जो पहले प्रधान बने, फिर विधायक और बाद में यूपी के मुख्यमंत्री भी बने।

इसलिए पंचायत चुनाव केवल गांव की सरकार चुनने का मौका नहीं बल्कि एक बड़ा पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म भी है, जहां से युवाओं और महिलाओं के लिए राजनीति की शुरुआत होती है।

अब तक की तैयारियां – किस दल ने क्या किया?

भाजपा (BJP):

  • पंचायत चुनाव को 2027 की तैयारी का हिस्सा मान रही है।
  • कमेटियां बनाई जा रही हैं जो मतदाता सूची और वार्ड परिसीमन पर नजर रखेंगी।
  • सीएम योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा।
  • राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास जैसे मुद्दे मुख्य रहेंगे।
  • योगी सरकार के कामकाज को जनता के बीच पहुंचाया जाएगा।

समाजवादी पार्टी (SP):

  • PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को फिर से आजमाएगी।
  • कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जा रहा है।
  • गांवों में साइकिल यात्रा के जरिए सपा सक्रियता बढ़ा रही है।
  • गानों और शॉर्ट वीडियो के ज़रिए जनसंपर्क तेज़ किया जा रहा है।

कांग्रेस (Congress):

  • इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी।
  • ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित वोटों पर फोकस।
  • अजय राय के नेतृत्व में पंचायत से विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई जा रही है।
  • पंचायत चुनाव का प्रदर्शन, 2027 के टिकट का आधार बनेगा।

अपना दल (एस):

  • टीमों का गठन हो चुका है।
  • मतदाता सूची पुनरीक्षण पर जोर है।
  • बिना गठबंधन चुनाव लड़ने की तैयारी।

सुभासपा:

  • सदस्यता अभियान शुरू हो चुका है।
  • प्रत्याशियों को 2000 सदस्य जोड़ने होंगे।
  • गठबंधन नहीं किया जाएगा।

निषाद पार्टी:

  • लगातार बैठकों का दौर जारी।
  • ब्लॉक और जिला पंचायत सदस्य पर फोकस है।
  • बड़े पदों पर गठबंधन की संभावना बनी हुई है।

बसपा (BSP):

  • अभी चुनावी रोडमैप नहीं बना।
  • पार्टी प्रमुख मायावती आने वाले समय में निर्णय ले सकती हैं।

 

 

विधायक-सांसद भी मैदान में

विधायक और सांसद अपने समर्थकों को बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य बनवाने की रणनीति बना रहे हैं ताकि भविष्य में मजबूत पकड़ बनी रहे। जो नेता 2022 या 2024 के चुनावों में पार्टी लाइन से हटे थे, उन्हें इस बार दरकिनार किया जा सकता है।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, जिन विधायकों के क्षेत्र में पंचायत चुनाव में जीत मिलेगी, उन्हें 2027 के टिकट में फायदा होगा। हार का असर सीधे टिकट पर पड़ेगा।

पंचायत चुनाव कब होंगे?

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, पंचायत चुनाव की अधिसूचना मार्च 2026 के आखिरी सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है। चुनाव 3-4 चरणों में होंगे।

  • पहले चरण में: ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव होंगे।
  • उसके बाद ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराए जाएंगे।

लेकिन यहां पेंच यह है कि इन दो पदों का कार्यकाल जुलाई 2026 में खत्म होगा, इसलिए तय करना सरकार के ऊपर है कि चुनाव तुरंत होंगे या कार्यकाल पूरा होने दिया जाएगा।

नया बयान, नया कन्फ्यूजन

पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का सीधा चुनाव जनता से कराने की बात कही है। लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन जरूरी है, और 17 राज्यों की सहमति चाहिए – जो अभी संभव नहीं दिख रहा। इससे पंचायत चुनाव की रणनीति को लेकर उम्मीदवारों में असमंजस बढ़ गया है।

गांवों में दिखने लगी चुनावी हलचल

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक गांवों में पहले से ही चुनावी मूवमेंट नजर आ रही है। कई नेता अपने समर्थकों को वार्डों में चुनाव लड़ाने की तैयारी कर चुके हैं, लेकिन परिसीमन और आरक्षण की स्थिति साफ न होने से नाम अभी बाहर नहीं आ रहे।

वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्रनाथ भट्ट मानते हैं कि इस बार भी पंचायत चुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होगा। बसपा की भूमिका इन दोनों के वोट काटने तक सीमित रह सकती है।

यूपी में पंचायत चुनाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता। ये चुनाव केवल गांव की सरकार बनाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि 2027 विधानसभा चुनाव की नींव तैयार करेंगे। यही वजह है कि हर दल, हर नेता इसे पूरी ताकत से लड़ने की तैयारी कर रहा है।

क्रिकेट के IPL के साथ जब राजनीति का IPL होगा, तो असली रोमांच मैदान और मंच – दोनों पर देखने को मिलेगा।

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