पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने किसानों के खेतों और सपनों को तहस-नहस कर दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को अकेला नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा।
यह सिर्फ़ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा किसान मुआवज़ा है। सरकार ने यह कदम सिर्फ़ काग़ज़ों पर नहीं, बल्कि किसानों के दर्द को महसूस करते हुए उठाया है।
जब हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में करीब ₹8,900 प्रति एकड़, मध्य प्रदेश में लगभग ₹12,950 प्रति एकड़, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में अधिकतर ₹5,000-₹7,000 प्रति एकड़ राहत मिलती है, वहीं पंजाब के किसानों को सीधा ₹20,000 प्रति एकड़ देने का फैसला उनकी मेहनत और संघर्ष को सलाम करने जैसा है।
इतना ही नहीं, बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹4 लाख की सहायता दी जाएगी और किसानों को खेतों में जमी रेत बेचने की अनुमति भी मिली है, ताकि उन्हें तुरंत नक़दी मिले और अगली बुवाई आसान हो सके।
मान सरकार ने साफ़ कर दिया है कि किसान अगर डूबे तो पूरी अर्थव्यवस्था डूबेगी, इसलिए सबसे पहले किसानों को संभालना ज़रूरी है। यही वजह है कि राहत की राशि को देशभर में सबसे ऊपर रखकर पंजाब को मिसाल बनाया गया है।
सरकार का यह कदम सिर्फ़ पैसों की मदद नहीं है, बल्कि किसानों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास है कि उनकी पीड़ा को सरकार अपनी पीड़ा मानती है। संकट की इस घड़ी में यह संदेश पूरे पंजाब में गूंज रहा है कि यह सरकार किसानों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी।
मान सरकार ने साबित कर दिया है कि किसान सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की असली ताक़त हैं। यह फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है। किसान की जीत ही पंजाब की जीत है, और मान सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है।