पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। लगातार बारिश और नदियों में बढ़ते पानी के कारण कई ज़िले पानी में डूब गए हैं। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं, किसानों की महीनों की मेहनत से तैयार हुई फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं और छोटे-बड़े उद्योगों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य को अब तक 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
इस कठिन समय में पंजाब के लोग उम्मीद कर रहे थे कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी तकलीफ को समझेंगे और एक बड़ा राहत पैकेज देंगे, जिससे राज्य के लोगों को जल्दी से जल्दी मदद मिल सके। लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने हालिया गुरदासपुर दौरे में जो राहत पैकेज घोषित किया, उसने राज्य की सियासत को गर्मा दिया।
₹1,600 करोड़ के राहत पैकेज पर विवाद
गुरदासपुर दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के लिए ₹1,600 करोड़ की राहत राशि की घोषणा की।
लेकिन यह राशि पंजाब सरकार और स्थानीय नेताओं को बेहद कम लगी।
- पंजाब सरकार का कहना है कि यह मदद राज्य की असली ज़रूरत के मुकाबले बहुत छोटी है।
- जहां 20,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है, वहां सिर्फ़ ₹1,600 करोड़ देना ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है।
“हिंदी नहीं आती?” टिप्पणी ने बढ़ाया विवाद
राहत राशि को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी सामने आई।
- आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने प्रधानमंत्री से कहा कि यह राशि बेहद कम है।
- इस पर प्रधानमंत्री ने हंसते हुए कहा:
“हिंदी नहीं आती? 1600 करोड़ घोषित कर दिया।”
- इस पर मुंडियां ने जवाब दिया:
“हिंदी आती है, लेकिन पैसा कम है।”
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने इसे पंजाबियों और पंजाबी भाषा का अपमान बताया।
लोगों का कहना है कि जब राज्य के लाखों लोग बाढ़ से तबाह हैं, तब प्रधानमंत्री की यह बात संवेदनहीन और मज़ाक जैसी लगती है।
AAP सरकार का केंद्र पर बड़ा हमला
आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा।
- प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा:
- “मोदी जी ने पंजाब के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है।
- 20,000 करोड़ के नुकसान के बाद सिर्फ़ 1,600 करोड़ देना
जख्मों पर मरहम नहीं, नमक छिड़कने जैसा है।”
- 20,000 करोड़ के नुकसान के बाद सिर्फ़ 1,600 करोड़ देना
- उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के ₹60,000 करोड़ फंड रोक रखे हैं, जिन्हें तुरंत जारी किया जाना चाहिए।
- अरोड़ा ने प्रधानमंत्री के दौरे को “सिर्फ फोटो खिंचवाने और पॉलिटिकल स्टंट” करार दिया।
- “मोदी जी ने पंजाब के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है।
- जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने इस राहत पैकेज को “बड़ा मज़ाक” कहा।
- वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने तीखा बयान देते हुए कहा:
- “30 दिन बाद मोदी जी को पंजाब की याद आई और ₹1,600 करोड़ देकर
ऊंट के मुंह में जीरा डाल दिया।”
- “30 दिन बाद मोदी जी को पंजाब की याद आई और ₹1,600 करोड़ देकर
भाजपा नेता भी हुए नाराज़
विवाद इतना बढ़ा कि भाजपा के अपने नेता रवनीत बिट्टू को भी मानना पड़ा कि प्रधानमंत्री की “हिंदी नहीं आती?” वाली टिप्पणी से पंजाबी भाषा का अपमान हुआ है।
- हालांकि बिट्टू ने बाद में सफाई देने की कोशिश की,
- लेकिन पंजाब के लोग इस बयान को लेकर भारी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं।
AAP सरकार की दोबारा मांग – बड़ा पैकेज और रोके गए फंड जारी हों
पंजाब सरकार ने केंद्र से दोबारा अपील की है कि:
- बाढ़ से हुए 20,000 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान की भरपाई के लिए बड़ा राहत पैकेज जारी किया जाए।
- पंजाब के रोके गए ₹60,000 करोड़ फंड तुरंत जारी किए जाएं।
AAP सरकार का कहना है कि पंजाब ने हमेशा देश के लिए बलिदान दिया है।
- आज़ादी की लड़ाई से लेकर
- देश को अनाज का भंडार बनाने तक पंजाब का योगदान सबसे आगे रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार का वादा है कि चाहे केंद्र सरकार ने मदद की हो या नहीं,
- पंजाब सरकार हर बाढ़ प्रभावित परिवार का सहारा बनेगी,
- किसानों का हौसला बढ़ाएगी
- और पंजाबियों की इज़्ज़त की रक्षा करेगी।
फाज़िल्का और अन्य ज़िलों में राहत कार्य
- फाज़िल्का, कपूरथला, होशियारपुर और कई ज़िलों में बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान किया।
- सिर्फ फाज़िल्का ज़िले में ही 12 गाँव और 20 पंचायतें पूरी तरह डूब गईं।
- अब तक 3,800 परिवारों तक राहत सामग्री पहुँचाई जा चुकी है।
- 8 मोबाइल मेडिकल टीमें लगातार गाँव-गाँव जाकर मरीजों का इलाज कर रही हैं।
- इसके अलावा 26 अतिरिक्त मेडिकल टीमें राहत कैंपों में तैनात हैं।
- कई मुश्किल हालात में 4 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी भी करवाई गई।
मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद खुद प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों को राहत सामग्री बाँट रहे हैं और युवाओं को राहत कार्य में शामिल कर रहे हैं।
उनकी अगुवाई में राशन, दवाइयाँ और जरूरी सामान लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
पंजाब में बाढ़ से लाखों लोगों की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई है।
- केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच राहत राशि को लेकर खींचतान जारी है।
- प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद को और भड़का दिया है।
- अब पंजाब के लोग यह देख रहे हैं कि क्या केंद्र सरकार राज्य के लिए
अतिरिक्त राहत पैकेज जारी करेगी या नहीं।
इस बीच, राज्य सरकार और समाजसेवी संगठन लगातार बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाने में जुटे हुए हैं,
ताकि पंजाब धीरे-धीरे इस आपदा से उबर सके और लोग फिर से सामान्य जीवन जी सकें।