Punjab की Agriculture संकट में: बाढ़ से 4 Lakh Acres जमीन डूबी, Agriculture Minister ने Centre से Financial मदद की मांग

पंजाब इस समय एक बड़ी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने न सिर्फ किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 4 लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है। इस तबाही ने किसानों के साथ-साथ देश के अन्न भंडार को भी संकट में डाल दिया है।

राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर बाढ़ से निपटने के लिए तत्काल वित्तीय राहत और एक विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की। साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाने की भी अपील की।

अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला का दौरा

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ मिलकर अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने प्रभावित किसानों से मुलाकात की और उनके हालात का जायजा लिया।
अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर कृषि मंत्री ने शिवराज सिंह चौहान का स्वागत किया।

दौरे के दौरान खुड्डियां ने बाढ़ से हुई तबाही का विस्तार से ब्यौरा दिया और बताया कि फसल कटाई का सीजन आने ही वाला था, ऐसे में खासतौर पर धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था गहरे संकट में चली गई है।

पशुधन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर

खड्डियां ने बताया कि बाढ़ ने सिर्फ खेतों को ही नहीं, बल्कि पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। कई इलाकों में मवेशी बह गए या बीमार हो गए हैं। इसका सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ा है, जो पहले से ही कमजोर स्थिति में है।

उन्होंने कहा,

पंजाब देश की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन इस बाढ़ ने न सिर्फ फसलों को तबाह किया है, बल्कि कृषि से जुड़ी बुनियादी ढांचे और ग्रामीण जीवन पर भी गहरा असर डाला है। ऐसे में राज्य को फिर से खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार की मदद बेहद जरूरी है।”

मुआवजे को 50,000 रुपये प्रति एकड़ करने की मांग

वर्तमान में किसानों को फसलों के नुकसान पर 6,800 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन किसानों का कहना है कि यह राशि उनके असली नुकसान की तुलना में बेहद कम है।
इस पर खुड्डियां ने कहा कि यह मुआवजा कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ किया जाना चाहिए ताकि किसान अपने खेतों को फिर से संभाल सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें।

ग्रामीण विकास और मार्केट विकास फंड की मांग

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब का ग्रामीण विकास फंड (RDF) और मार्केट विकास फंड (MDF) का लगभग 8,000 करोड़ रुपये रोक रखा है। उन्होंने मांग की कि इस राशि को तुरंत जारी किया जाए ताकि राज्य में राहत कार्य और पुनर्निर्माण का काम तेजी से हो सके।

पंजाब के लिए विशेष पैकेज की जरूरत

कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब की स्थिति बेहद गंभीर है और इसे सामान्य करने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की सख्त जरूरत है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह पैकेज न केवल फसलों और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी है, बल्कि कृषि बुनियादी ढांचे को दोबारा खड़ा करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भी आवश्यक है।

देश का अन्न भंडार संकट में

पंजाब देश का प्रमुख अन्न उत्पादक राज्य है और केंद्र के फूड पूल में सबसे ज्यादा योगदान देता है। लेकिन बाढ़ के कारण धान और अन्य फसलों की बर्बादी से देश की खाद्य सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है।

खुड्डियां ने चेतावनी दी कि अगर स्थिति को जल्द नहीं संभाला गया तो पंजाब के किसान गहरे आर्थिक संकट में चले जाएंगे, जिससे पूरे देश की खाद्य आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
पंजाब में बाढ़ की तबाही से लाखों किसान बर्बाद हो चुके हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से तत्काल मदद की मांग की है। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार कितनी जल्दी और कितनी मदद देती है ताकि पंजाब के किसान फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

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