Punjab के पानी रोकने से हरियाणा में जल संकट: CM सैनी ने कहा – दिल्ली भी होगी प्रभावित, राजनीति छोड़ हरियाणा को पानी दें मान।

भाखड़ा नहर में पानी की आपूर्ति Punjab सरकार द्वारा रोक दिए जाने के कारण हरियाणा में जल संकट गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने Punjab के मुख्यमंत्री भगवंत मान के जल वितरण से जुड़े बयान को चौंकाने वाला बताया। मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा मामला सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पीने के पानी की जरूरत से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हर साल अप्रैल, मई और जून के दौरान हरियाणा के संपर्क बिंदु पर बीबीएमबी की ओर से 9 हजार क्यूसेक पानी मुहैया कराया जाता है।

सीएम ने कहा, हरियाणा अपने हिस्से के पीने का पानी मार्च में ही उपयोग कर चुका है, वाला सीएम भगवंत मान का बयान तथ्यों से परे है।पिछले एक सप्ताह में हरियाणा को केवल 4,000 क्यूसेक ही पीने का पानी प्राप्त हुआ है, जो हरियाणा की कुल मांग का लगभग 60 प्रतिशत है।

CM बोले- दिल्ली में भी गहराएगा जल संकट

सीएम ने कहा, यदि हरियाणा के कॉन्टेक्ट प्वाइंट पर कम पानी आता है, तो दिल्ली में भी पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। जब तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी तब तक दिल्ली जाने वाले पानी पर Punjab की मान साहब की सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी, अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं है तो दिल्ली की जनता को सजा देने के लिए मान साहब यह बयानबाज़ी क्यों कर रहे हैं।

राजनीति से उठकर हरियाणा को दे पानी

बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया था, उसके क्रियान्वयन में Punjab के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। मान साहब हमारी संस्कृति में है कि अगर हमारे घर पर कोई भी व्यक्ति आता है तो पानी पिलाकर हम उसका स्वागत करते हैं। दलगत राजनीति से उपर उठकर हरियाणा को पीने का पानी उपलब्ध कराएं।

Punjab के फैसले से हरियाणा में क्या हो रहा असर…

  1. Punjab इस्तेमाल कर रहा हरियाणा का पानी

हरियाणा को रोज 9500 हजार क्यूसेक पानी मिलता था, जिसे घटाकर 4 हजार क्यूसेक कर दिया है। यानी हरियाणा के हिस्से का 5 हजार क्यूसेक पानी Punjab इस्तेमाल कर रहा है। इसके बाद दोनों राज्यों के सीएम एक दूसरे पर हमलावर हैं।

  1. इन छह जिलों में पीते हैं नहर का पानी

भाखड़ा के पानी की हरियाणा में अंबाला से एंट्री होती है। यह पानी कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार में पीने के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। Punjab के फैसले से इन जिलों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है।

  1. राजस्थान से ला रहे लोग पानी

सिंचाई विभाग की तरफ से टोहाना हेड से 1400 क्यूसेक पानी भाखड़ा की नहरों में छोड़ा गया है। इसमें से 900 क्यूसेक पानी ही सिरसा जिले की नहरों में पहुंचा है। इसके चलते सिरसा के लोग राजस्थान के गांवों से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं। नहरबंदी से पेयजल संकट और बढ़ सकता है।

पंजाब के पानी रोकने से नहर में अब ये स्थिति

Punjab के भाखड़ा नहर में पानी रोकने से अंबाला में पहले 2800 क्यूसेक पानी बहता था, अब 1200 क्यूसेक है। हिसार में भी यही हालात हैं, बरवाला लिंक नहर में 1500 के बजाय 350 क्यूसेक पानी आ रहा है। फतेहाबाद जिले में टोहाना हेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *