OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में एक इवेंट (Snowflake Summit 2025) में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI केवल एक टूल नहीं रहेगा, बल्कि यह हमारे साथ काम करने वाला वर्चुअल teammate बन जाएगा। उन्होंने बताया कि 2026 तक AI इस काबिल हो जाएगा कि वो नई जानकारी खुद ढूंढ सके और बड़ी-बड़ी problems भी solve कर सके।
AI एजेंट्स होंगे जैसे जूनियर कर्मचारी
सैम ऑल्टमैन ने कहा कि आज जो AI एजेंट्स हैं, वो ठीक वैसे ही काम करते हैं जैसे कोई नया employee करता है। आप उन्हें task देते हैं, फिर फीडबैक देते हैं और वो हर बार बेहतर काम करना सीखते हैं। आने वाले समय में यही AI एजेंट्स बहुत smart हो जाएंगे और जटिल काम (complex tasks) भी आसानी से कर सकेंगे।
AI के साथ काम करने की आदत डालनी होगी
ऑल्टमैन का कहना है कि AI हमारे काम का तरीका बदल देगा। जैसे आज हम कंप्यूटर या इंटरनेट के बिना काम नहीं कर सकते, वैसे ही आने वाले सालों में AI के बिना काम करना मुश्किल हो जाएगा। कंपनियों को AI के साथ human teams बनानी होंगी, जिससे productivity और तेजी दोनों बढ़ें।
GPT-4.5 और GPT-5 जैसे मॉडल ला रहे बदलाव
OpenAI पहले ही GPT-4.5 जैसे powerful मॉडल ला चुका है, जो कई तरह के सवालों का जवाब दे सकता है, conversation कर सकता है और आपकी language भी समझ सकता है। अब कंपनी GPT-5 पर काम कर रही है, जो और भी ज्यादा intelligent और capable होगा। इसकी मदद से AI और तेजी से सीखेगा और काम करेगा।
AI से नौकरियों पर असर?
सवाल उठता है – क्या AI लोगों की jobs ले लेगा? रिपोर्ट्स बताती हैं कि कुछ jobs जो repetitive (बार-बार होने वाले) कामों पर आधारित हैं, उनमें AI की वजह से बदलाव जरूर आ सकता है। कई कंपनियां, जैसे Shopify और Duolingo, पहले ही AI को अपना चुकी हैं और कुछ roles को कम कर चुकी हैं। लेकिन ऑल्टमैन का कहना है कि AI से डरने की बजाय, उसे एक tool की तरह अपनाना चाहिए।
AI और Superintelligence की ओर कदम
OpenAI अब superintelligence की दिशा में भी काम कर रहा है। इसका मतलब है ऐसा AI जो इंसानों से भी ज्यादा तेज़ और समझदार हो। इसका उपयोग scientific discoveries, health research और innovation में किया जाएगा।
सैम ऑल्टमैन की बातों से साफ है कि आने वाले 1-2 सालों में AI हमारे काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है। यह सिर्फ एक software नहीं रहेगा, बल्कि हमारा teammate बनकर हमारे साथ काम करेगा। हां, इससे बदलाव जरूर आएगा, लेकिन अगर हम इसे समझदारी से अपनाएं तो यह हमारे लिए फायदेमंद साबित होगा।
अगर आप भी future-ready बनना चाहते हैं, तो आज से ही AI को समझना और उसके साथ काम करना सीखना शुरू कर दीजिए।