आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर तीखा हमला बोला है। कंग ने आरोप लगाया कि बिट्टू ने हमेशा पंजाब के हितों के बजाय अपने निजी स्वार्थों को प्राथमिकता दी है।
कंग ने सवाल किया, “क्या पंजाब भाजपा अपने फैसले खुद लेती है या दिल्ली से निर्देशित होती है? क्या यह सच नहीं है कि सिर्फ एक राज्यसभा सीट के लिए बिट्टू भाजपा की गोदी में जा बैठे?”
उन्होंने कहा कि बिट्टू, जो कभी कांग्रेस में अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे थे, अब निजी लाभ के लिए उसी पार्टी के साथ खड़े हैं जिसने बार-बार पंजाब के साथ अन्याय किया है।
कंग ने आरोप लगाया कि जब भी पंजाब के अधिकारों पर हमला हुआ—चाहे वह पंजाब विश्वविद्यालय को कमजोर करने की साजिश हो, सीनेट चुनावों में देरी हो या राज्य को मिलने वाली फंडिंग रोकी गई हो—बिट्टू ने चुप्पी साधे रखी।
उन्होंने कहा, “जब सिख जजों की नियुक्तियों को टाला गया, केंद्र सरकार ने जानबूझकर पंजाब के साथ भेदभाव किया, तब भी बिट्टू ने एक शब्द नहीं कहा। वे हमेशा भाजपा की नीतियों के साथ खड़े नजर आए, भले ही वे नीतियां पंजाब विरोधी रही हों।”
कंग ने किसानों के आंदोलन, युवाओं की बेरोजगारी और उच्च न्यायालय में नियुक्तियों जैसे मुद्दों पर भी बिट्टू की निष्क्रियता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि रवनीत बिट्टू भाजपा के विशेषाधिकारों का लाभ तो उठाते हैं, लेकिन जब पंजाब के अधिकारों की बात आती है तो चुप्पी साध लेते हैं।
“पंजाब के लोग अब बिट्टू की सच्चाई समझ चुके हैं। उन्हें मालूम है कि वह राज्य के हितों की रक्षा नहीं कर सकते,” कंग ने कहा। उन्होंने बिट्टू को विश्वासघात का प्रतीक बताते हुए कहा कि वह भाजपा की पंजाब विरोधी नीतियों के सक्रिय सहयोगी हैं।