लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लुधियाना के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुनील कपूर ने पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है।
सुनील कपूर को मंगलवार शाम लुधियाना में आयोजित एक बड़ी जनसभा के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल किया। इस मौके पर आप सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल, पंजाब आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा, और लुधियाना वेस्ट से आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा समेत कई बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे।
कौन हैं सुनील कपूर?
सुनील कपूर पंजाब सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और लुधियाना वेस्ट से तीन बार विधायक रह चुके स्व. लाला सरदारी लाल कपूर के पोते हैं। सरदारी लाल कपूर को लोग ‘पंजाब का महात्मा गांधी’ भी कहते थे। उन्होंने आजादी के आंदोलन और बाद की राजनीति में पंजाब को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई थी।
सुनील कपूर की पत्नी भी लुधियाना नगर निगम की पूर्व काउंसलर रह चुकी हैं, जिससे उनके परिवार का स्थानीय स्तर पर गहरा जनसंपर्क है। कपूर परिवार का लुधियाना की राजनीति में आज भी असर बना हुआ है।
चुनावी समीकरणों पर असर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सुनील कपूर जैसे वरिष्ठ नेता के ‘आप’ में शामिल होने से पार्टी को एक मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी, और लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में इसका सीधा फायदा संजीव अरोड़ा को मिल सकता है।
AAP ने पहले ही इस सीट पर पूरी ताकत झोंक रखी है, और कपूर परिवार के समर्थन से वोटरों में विश्वास और गहराने की संभावना है।
कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं
कांग्रेस पहले ही लुधियाना वेस्ट सीट पर अंदरूनी कलह और नेतृत्व संकट से जूझ रही थी, और अब सुनील कपूर जैसे पुराने नेता का पार्टी छोड़ना उसके लिए चिंता का विषय बन गया है।
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव अब और भी दिलचस्प हो गया है। एक तरफ AAP नए और पुराने चेहरों को साथ लेकर मज़बूती से आगे बढ़ रही है, वहीं कांग्रेस को अपनी साख बचाने के लिए अब कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।