यह किसानों के लिए सुनहरा अवसर, लैंड पूलिंग से मिलेगा भरपूर आर्थिक लाभ, गांवों में समृद्धि और शहरी विकास के साथ होगा वित्तीय सशक्तिकरण: विधायक जगतार सिंह
नीति किसान-केंद्रित और पारदर्शी, नुकसान केवल भू-माफिया और भ्रष्ट नेताओं को: आप नेता
पंजाब सरकार ने किसानों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लैंड पूलिंग नीति का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा लाई गई यह नीति किसानों के लिए प्रत्यक्ष और दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
आप किसान विंग के अध्यक्ष एवं विधायक जगतार सिंह ने इस योजना को “किसानों के लिए गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि इससे न केवल उन्हें उनकी भूमि का वास्तविक मूल्य मिलेगा, बल्कि भू-माफियाओं और भ्रष्ट राजनीतिक तत्वों के वर्षों से जारी शोषण पर भी अंकुश लगेगा।
क्या है लैंड पूलिंग नीति के तहत मिलने वाला लाभ?
- यदि कोई किसान सरकार को 1 एकड़ भूमि देता है, तो उसे बदले में मिलेगा:
- 1,000 वर्ग गज का आवासीय भूखंड
- 200 वर्ग गज का व्यावसायिक भूखंड
- राज्य सरकार इस भूमि को आधुनिक बुनियादी ढांचे से युक्त बनाएगी, जिसमें सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट और पार्क शामिल हैं।
जगतार सिंह ने बताया कि वर्तमान में कृषि भूमि की कलेक्टर दर ₹30 लाख प्रति एकड़ है, जबकि बाजार मूल्य ₹1 करोड़ से ₹1.25 करोड़ प्रति एकड़ तक है। नीति लागू होने के बाद किसानों को मिलने वाले भूखंडों का संभावित मूल्य:
- आवासीय भूखंड: ₹3 करोड़ (₹30,000 प्रति वर्ग गज)
- व्यावसायिक भूखंड: ₹1.2 करोड़ (₹60,000 प्रति वर्ग गज)
कुल मिलाकर एक एकड़ भूमि पर किसान को लगभग ₹4.2 करोड़ का मूल्य प्राप्त होगा, जो मौजूदा बाजार दर से तीन-चार गुना अधिक है।
स्वामित्व और स्वतंत्रता की गारंटी
यह योजना किसानों को पूर्ण स्वामित्व और भूखंडों के उपयोग, लीज पर देने या बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करती है।
उदाहरण के लिए:
- 9 एकड़ भूमि देने पर किसान को विकसित क्षेत्र में 3 एकड़ भूखंड मिलेगा।
- 50 एकड़ देने वाले समूह को 30 एकड़ विकसित भूमि मिलेगी, जिसे आनुपातिक रूप से विभाजित किया जाएगा।
इसके साथ ही, विकास की अवधि के दौरान किसानों को प्रति एकड़ ₹30,000 वार्षिक सहायता राशि दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य इस प्रक्रिया को 1 से 1.5 वर्ष में पूरा करना है।
भू-माफियाओं और भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार
विधायक जगतार सिंह ने स्पष्ट किया कि यह नीति भू-माफियाओं और भ्रष्ट नेताओं की मनमानी जमीन सौदों की व्यवस्था को खत्म करेगी। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारों ने भू-माफियाओं को फायदा पहुंचाया और किसानों को अनदेखा किया। यह नीति सुनिश्चित करती है कि लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे।”
उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) द्वारा किए जा रहे झूठे प्रचार की भी आलोचना की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार किसानों की जमीन छीनना चाहती है।
आप नेता ने कहा, “यह नीति पूरी तरह से किसानों की लिखित सहमति (NOC) पर आधारित है। कोई भी जमीन जबरन नहीं ली जाएगी। यह पारदर्शी, स्वैच्छिक और किसान-केंद्रित पहल है।”
*अवैध कॉलोनियों और अनियमित विकास पर नियंत्रण*
नीति में अवैध कॉलोनियों को समाप्त करने और अनाधिकृत भूमि विकास को रोकने के भी मजबूत प्रावधान हैं। यह किसानों के अधिकारों की रक्षा करती है, उन्हें कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौतों के माध्यम से सुरक्षा देती है और उचित मुआवजे की गारंटी प्रदान करती है।
अंत में, जगतार सिंह ने कहा, “यह नीति पंजाब के किसानों को उनकी भूमि की सही कीमत दिलाने का सुनहरा अवसर है। इससे गांवों में समृद्धि आएगी और पंजाब के शहरी विकास को भी गति मिलेगी।”