जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आधुनिक खेती में सहयोग देने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। किसानों को खेती के काम आने वाली आधुनिक मशीनों पर अब सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, जिले में तीन नए कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centres) खोलने के लिए कुल ₹60 लाख की वित्तीय मदद मंजूर की गई है।
इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को खेती में आधुनिक तकनीक से जोड़ना है, ताकि वे कम खर्च और कम समय में बेहतर फसल उगा सकें। कई बार किसानों के पास ट्रैक्टर, थ्रेशर या रीपर जैसी मशीनें खरीदने के पैसे नहीं होते। ऐसे में ये कस्टम हायरिंग सेंटर किसानों को ये मशीनें किराये पर उपलब्ध कराएंगे।
जिला स्तर पर एक ऑनलाइन ड्रा (लकी ड्रॉ) निकाला गया, जिसमें किसानों को शामिल किया गया। इस ड्रा के जरिए जिन किसानों का नाम निकला है, उन्हें सरकार की तरफ से कृषि यंत्रों की खरीद पर 40% से 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यानी अगर कोई मशीन 1 लाख की है, तो सरकार 40–50 हज़ार रुपए तक की सहायता देगी।
कस्टम हायरिंग सेंटर में किसानों को निम्न सुविधाएं मिलेंगी:
- ट्रैक्टर और उससे जुड़ी मशीनें किराये पर
- थ्रेशर, रीपर, सीड ड्रिल जैसी खेती की उन्नत मशीनें
- जरूरत के हिसाब से टाइम स्लॉट पर बुकिंग की सुविधा
इन सेंटरों को ₹60 लाख की मदद से शुरू किया जाएगा, जिससे खेती की लागत कम हो सके और किसानों को समय पर मशीन मिल सके।
जिन किसानों ने आवेदन किया था, उनके लिए ड्रा निकाला गया है। अगर आपने भी आवेदन किया था और आपका नाम ड्रॉ में आया है, तो कृषि विभाग से संपर्क करें और सब्सिडी का लाभ उठाएं।
जो किसान इस बार शामिल नहीं हो सके, वे अगली बार इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या कृषि विभाग की वेबसाइट से जानकारी लेनी होगी।
सरकार की यह पहल खेती को आसान और सस्ती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ किसानों का बोझ कम होगा बल्कि नई तकनीक से जुड़कर वे अपनी उपज भी बढ़ा सकेंगे।
फतेहगढ़ साहिब के किसान अब खेती में आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, और सरकार उनके इस सफर में एक मजबूत साथी बन रही है।