पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ जारी जंग के बीच बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा बयान दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने साफ कहा है कि पंजाब सरकार ड्रग माफिया के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ रही है और चाहे कोई कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, कानून से ऊपर कोई नहीं।
500 करोड़ की संपत्ति पर उठे सवाल
कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मजीठिया पर सीधा हमला करते हुए कहा, “क्या बिक्रम मजीठिया बताएंगे कि 500 करोड़ की बेहिसाब दौलत ड्रग्स के काले कारोबार से कमाई गई है?” उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही नशे के कारोबार के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई शुरू हो चुकी है।
चीमा ने कहा, “पिछली सरकारों – अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस – के शासन में जिन लोगों ने नशे से मुनाफा कमाया, अब वे कानून के घेरे में आ रहे हैं। चाहे वह कोई भी हो, अगर वह ड्रग तस्करी में शामिल है तो उसे जवाब देना ही होगा।”
“लोगों ने हमें बदलाव के लिए चुना है” – अमन अरोड़ा
AAP पंजाब के प्रधान और मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकार की हर कार्रवाई सबूतों और कानूनी प्रक्रिया पर आधारित है। उन्होंने कहा, “हम पर लगाए जा रहे राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं। अगर किसी के खिलाफ शिकायत आती है तो विजिलेंस और पुलिस कार्रवाई करती हैं। अगर कोई निर्दोष है, तो उसे डरने की जरूरत नहीं।”
उन्होंने आगे कहा, “पंजाब के लोगों ने हमें बदलाव के लिए चुना है। हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं। नशे की जड़ें गहरी हैं, लेकिन हम इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सरकार की स्पष्ट नीति – नशा मुक्त पंजाब
AAP नेताओं ने दोहराया कि यह कार्रवाई किसी राजनीतिक मकसद के लिए नहीं, बल्कि नशे के दोषियों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद साफ है – एक नशा मुक्त पंजाब बनाना।
अब तक की बड़ी कार्रवाई:
- बिक्रम मजीठिया को ड्रग्स से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है।
- विजिलेंस टीम ने मजीठिया के ठिकानों से अहम दस्तावेज और सबूत बरामद किए हैं।
- AAP सरकार पहले ही कई छोटे-बड़े ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त कर चुकी है।
पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस जंग में किसी भी दबाव या राजनीतिक आलोचना से पीछे नहीं हटेगी। अब देखना यह होगा कि मजीठिया के मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है और क्या यह पंजाब को नशा मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।