पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तख़्त श्री केसगढ़ साहिब गुरुद्वारे के सामने विरासती मार्ग (Heritage Street) बनाने की घोषणा की है। यह वही सड़क परियोजना है जिसकी नींव 1970 में रखी गई थी, लेकिन पिछले 55 वर्षों में किसी भी सरकार ने इसे प्राथमिकता नहीं दी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने अब इस अधूरी परियोजना को पूरा करने का बीड़ा उठाया है, जिससे न सिर्फ सिख धर्म के इस पवित्र स्थल का सम्मान बढ़ेगा बल्कि श्रद्धालुओं को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।
तख़्त श्री केसगढ़ साहिब सिख धर्म के पांच पवित्र तख्तों में से एक है, जहां 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस ऐतिहासिक स्थल के सामने से गुजरने वाली सड़क की दशकों से अनदेखी होती रही है। 1970 में जब इस परियोजना की नींव रखी गई थी, तब यह उम्मीद की गई थी कि जल्द ही यह मार्ग तैयार होगा। लेकिन आज़ादी के बाद सत्ता में आई विभिन्न सरकारों—चाहे अकाली-भाजपा गठबंधन हो या कांग्रेस—किसी ने भी इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई। धार्मिक स्थलों के नाम पर घोषणाएं और वादे तो खूब हुए, लेकिन ज़मीनी हकीकत नहीं बदली।
श्रद्धालुओं को हर साल विशेषकर वैसाखी और होला मोहल्ला जैसे बड़े पर्वों पर तख़्त साहिब पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टूटी हुई सड़कें, अव्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने इस पवित्र स्थल की गरिमा को भी प्रभावित किया है। पिछली सरकारों ने धार्मिक स्थलों के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे किए, लेकिन असल में जनता को कुछ नहीं मिला। अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह केवल घोषणा नहीं, काम करने में विश्वास रखती है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि जनता का पैसा अब जनता के काम में लगेगा, न कि भ्रष्टाचार में। विरासती मार्ग परियोजना को पूरा करने का निर्णय इसी सोच का उदाहरण है। इस मार्ग के बनने से न सिर्फ तख़्त साहिब आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि आनंदपुर साहिब के पूरे क्षेत्र को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। स्थानीय व्यापार को गति मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।
यह परियोजना भगवंत मान सरकार की उस विकासशील सोच का प्रतीक है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित करते हुए भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। जहां पुरानी सरकारें सिर्फ चुनावों के समय धार्मिक स्थलों को याद करती थीं, वहीं आप सरकार ने जमीन पर काम शुरू कर दिया है। यह फैसला न सिर्फ एक अधूरी परियोजना को पूरा करने का प्रयास है, बल्कि यह पंजाब की संस्कृति और श्रद्धा को सम्मान देने का भी उदाहरण है।
आनंदपुर साहिब के लोग और सिख संगत इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जो काम 55 साल में नहीं हुआ, वह अब होने जा रहा है। भगवंत मान की सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब नीयत साफ हो और इरादे मजबूत हों, तो वर्षों से लटके काम भी पूरे किए जा सकते हैं। यह निर्णय सरकार की संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी को दर्शाता है, जो पंजाब की भावनाओं के साथ जुड़कर काम कर रही है।