पंजाब के वित्त मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनके साढ़ू सिमरनजीत सिंह मान, और सुखबीर सिंह बादल पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने पिछले 20 सालों से पंजाब की राजनीति को मैच-फिक्सिंग की तरह चलाया और बारी-बारी से सत्ता में रहकर राज्य के संसाधनों को लूटा।
20 साल की ‘डील’ से पंजाब को नुकसान: चीमा
चीमा ने कहा कि 2002 से 2022 तक कैप्टन और बादल परिवार ने सत्ता को अपने बीच बांटकर रखा।
उनका आरोप है कि दोनों परिवारों ने एक-दूसरे को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए अंदरूनी समझौता (hidden deal) किया हुआ था।
उन्होंने बताया कि:
- 2002–2007 में कैप्टन सरकार के समय बादल परिवार के खिलाफ 4000 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति के केस दर्ज हुए।
- लेकिन कैप्टन ने इन मामलों पर जानबूझकर कार्रवाई धीमी रखी।
- 2007 में जब अकाली–भाजपा सरकार आई, तो सारे केस तुरंत ख़ारिज कर दिए गए।
चीमा का कहना है—“ये कोई इत्तेफ़ाक नहीं था, ये एक गहरी मैच-फिक्सिंग थी।”
बेअदबी मामलों में दोनों सरकारें फेल
वित्त मंत्री ने बेअदबी की घटनाओं पर भी दोनों परिवारों को घेरा।
उन्होंने कहा:
- बादल सरकार ने सत्ता के घमंड में ऐसी घटनाओं को रोकने में लापरवाही की।
- कैप्टन अमरिंदर ने 2017 में गुटका साहिब हाथ में लेकर लोगों से वादा तो किया, लेकिन उन्होंने भी दोषियों पर कोई सख़्त कदम नहीं उठाया।
- जस्टिस रंजीत सिंह और जोरा सिंह आयोग का इस्तेमाल केवल पंचायत चुनावों में फायदा उठाने के लिए किया गया।
कैप्टन पर राजनीतिक “दल-बदल” का आरोप
चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह “दल-बदलू राजनीति के मास्टर” हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि:
- कैप्टन पहले अकाली दल में थे
- फिर कांग्रेस में आए
- फिर अपनी पार्टी बनाई
- और आखिर में BJP में शामिल हो गए
AAP का दावा है कि 2017–2022 में कैप्टन ने कांग्रेस से ज़्यादा BJP की लाइन पर काम किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बड़ा दावा
चीमा ने यह भी आरोप लगाया कि कैप्टन के एक “दुश्मन देश की महिला” से रिश्तों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता थी और इस वजह से वे केंद्र सरकार के दबाव में थे।
उन्होंने कहा कि “ये किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ठीक नहीं है।”
AAP सरकार की उपलब्धियाँ — चीमा ने गिनाईं
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि CM भगवंत मान की सरकार आने के बाद पंजाब को कई बड़े फायदे हुए:
- नशा, शराब और रेत माफिया पर एक्शन
- अकाली–भाजपा के महंगे बिजली समझौते रद्द
- एक निजी पावर प्लांट की री-परचेज
- हर घर को 600 यूनिट फ्री बिजली
- युवाओं को 50,000+ सरकारी नौकरियाँ
उन्होंने दावा किया कि “पहली बार पंजाब के 3 करोड़ लोगों को माफियाओं से राहत महसूस हो रही है।”
जनता को चेतावनी और राजनीतिक परिवारों को मैसेज
अपने बयान के अंत में चीमा ने कहा:
“इन परिवारों को लगता है कि पंजाब उनके झांसे भूल चुका है। लेकिन पंजाबी 20 साल बाद भी बदला लेना नहीं भूलते।”
उन्होंने कहा कि लोग यह नहीं भूलेंगे कि कैसे:
- दोनों परिवार पर्दे के पीछे एकजुट होकर जनता को गुमराह करते रहे
- राज्य की संपत्ति लूटी
- और पंथक संस्थानों पर अपने पसंदीदा लोगों को बैठाया
AAP नेता ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के आम लोगों की प्रतिनिधि है और वह यह सुनिश्चित करेगी कि इन राजनीतिक परिवारों की कोई साजिश सफल न हो।
