बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान महागठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “महागठबंधन ने अभी से मान लिया है कि वे चुनाव हारने वाले हैं, इसलिए हर सरकारी कदम उन्हें साजिश लग रहा है।”
चिराग का यह बयान उस वक्त आया है जब चुनाव आयोग राज्य में मतदाता सूची का सघन पुनरीक्षण अभियान चला रहा है, ताकि फर्जी वोटरों को हटाया जा सके और चुनाव निष्पक्ष हों। लेकिन विपक्ष इस अभियान को संदेह की नजर से देख रहा है और इसे सत्ता पक्ष की चाल बता रहा है।
मतदाता सत्यापन पर मचा राजनीतिक बवाल
विपक्षी पार्टियों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आरोप लगाया है कि यह अभियान मतदाता सूची में छेड़छाड़ के लिए चलाया जा रहा है, ताकि सत्ताधारी गठबंधन को फायदा मिल सके।
इस पर जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि यह चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया है और इसका मकसद सिर्फ यह है कि कोई भी फर्जी वोटर वोट न डाल पाए।
उन्होंने कहा –
“महागठबंधन के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए वो हर सरकारी काम में साजिश ढूंढने लगे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि चुनाव आयोग का यह अभियान पूरी तरह पारदर्शी है और इसका सभी को समर्थन करना चाहिए।”
तेजस्वी यादव पर भी साधा निशाना
मंत्री चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि
“बिहार की जनता दोबारा जंगलराज नहीं चाहती। उन्होंने पहले ही देख लिया है कि उस तरह के शासन में क्या हाल होता है।”
उन्होंने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर कहा –
“मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये जनता तय करेगी। तेजस्वी यादव अपने दम पर सीएम बन सकते हैं या नहीं, ये भी जनता देख चुकी है। महागठबंधन किसे अपना सीएम चेहरा बनाएगा, ये उनका आंतरिक मामला है।”
बिहार में आने वाले चुनावों से पहले सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। चिराग पासवान का बयान विपक्ष के लिए नई चुनौती बन सकता है।
वहीं, मतदाता पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग को भी विश्वास बढ़ाने वाले कदम उठाने होंगे ताकि किसी को पक्षपात की आशंका न हो।
बिहार की जनता अब सियासी दाव-पेंच को अच्छे से समझती है और ये तय करना उनके हाथ में है कि वे किसे चुनते हैं – विकास की राजनीति या आरोप-प्रत्यारोप की।