AAP का Punjab Congress पर हमला: ” Italy और Delhi के इशारों पर चल रही है Congress”, Star Campaigners की लिस्ट को लेकर उठे सवाल

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के उस बयान पर सियासत गरमा गई है जिसमें उन्होंने कहा कि लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची दिल्ली हाईकमान ने तय की है। इस पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है और सवाल उठाया है कि क्या पंजाब कांग्रेस अपने प्रचारकों का चुनाव भी खुद नहीं कर सकती?

AAP नेताओं ने कहा कि कांग्रेस हमेशा AAP पर ‘दिल्ली से चलने वाली पार्टी’ होने का आरोप लगाती है, लेकिन अब खुद उनका सच सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि वह अपने ही राज्य में यह तय नहीं कर सकती कि कौन प्रचार करेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि पंजाब कांग्रेस का रिमोट कंट्रोल दिल्ली के इंदिरा भवन में है या फिर इटली में?

आप नेताओं के तीखे बयान

लालजीत भुल्लर ने कहा, “कल्पना कीजिए कि आप पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और अपने उम्मीदवार के लिए प्रचारक भी नहीं चुन सकते! राजा वड़िंग ने खुद माना है कि स्टार प्रचारकों की सूची हाईकमान ने जारी की है।”

वरिंदर गोयल ने तंज कसते हुए कहा, “क्या दिल्ली वाले राजा वड़िंग को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं? क्या पंजाब कांग्रेस अब सिर्फ दिल्ली के इशारों पर चलती है?”

डॉ बलबीर सिंह ने कहा, “कांग्रेस हम पर ‘दिल्ली हस्तक्षेप’ का आरोप लगाती है, लेकिन खुद की पार्टी में प्रचारकों की लिस्ट भी हाईकमान तय करता है। ये दोहरा मापदंड नहीं तो और क्या है?”

कुलदीप सिंह धालीवाल बोले, “कांग्रेस जब खुद कुछ करती है तो उसे अनुशासन कहती है, और जब हम टीमवर्क करते हैं तो उसे हस्तक्षेप कहते हैं। ये सोच बेहद हास्यास्पद है।”

डॉ रवजोत ने कहा, “जब AAP एकजुट होकर निर्णय लेती है तो कांग्रेस उसे ‘हाईकमान का हस्तक्षेप’ बताती है, लेकिन उनके अपने नेता मान रहे हैं कि वे बुनियादी फैसले भी खुद नहीं ले सकते।”

लालचंद कटारुचक ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “राजा वड़िंग ने खुद कहा कि प्रचारकों की सूची हाईकमान ने बनाई है, इसका मतलब कांग्रेस में पंजाब का नेता सिर्फ नाम का है, असली फैसले दिल्ली से होते हैं।”

बलजीत कौर ने कहा, “क्या पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को अपने ही राज्य में प्रचारकों की सूची जारी करने का भी अधिकार नहीं है? यह बेहद गंभीर सवाल है।”

मोहिंदर भगत ने जोड़ा, “AAP एकजुट होकर काम करे तो वह ‘हस्तक्षेप’, कांग्रेस दिल्ली से चले तो वह ‘अनुशासन’? यही है असली पाखंड।”

हरदीप सिंह मुंडियां ने सवाल किया, “अगर पंजाब कांग्रेस अपने प्रचारकों की सूची भी खुद तय नहीं कर सकती, तो क्या यह नहीं माना जाए कि कांग्रेस का रिमोट कंट्रोल दिल्ली या फिर इटली से चल रहा है?”

मामले में आगे क्या हुआ?

कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के भीतर इस बयान को लेकर असंतोष की खबरें आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार, पंजाब के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी आलाकमान से इस तरह के “बाहरी हस्तक्षेप” पर चिंता जताई है। आने वाले दिनों में कांग्रेस की तरफ से इस पर सफाई दी जा सकती है।

AAP ने पंजाब कांग्रेस पर करारा हमला करते हुए उसे “दिल्ली और इटली की कठपुतली” करार दिया है। स्टार प्रचारकों की लिस्ट को लेकर मचे बवाल ने कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को भी उजागर कर दिया है। आने वाले चुनावी दिनों में यह मुद्दा और भी गरमा सकता है।

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