हिसार के राखीगढ़ी में 3-डी तकनीक से जीवंत होगा इतिहास:CM सैनी बोले- ये हमारी सभ्यता- संस्कृति और गौरवशाली अतीत का जीवंत उत्सव
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विश्व की प्रतिष्ठित पुरातात्विक साइट राखीगढ़ी में पहुंचे हैं। उनका छात्राओं ने तिलक करके स्वागत किया। सीएम ने यहां तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मॉक एक्सकवेशन स्थल का निरीक्षण किया और खुदाई से प्राप्त हड़प्पाकालीन वस्तुओं के स्टॉल काे देखा। यहां पर लोगों व स्कूली बच्चों की भीड़ लगी है। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम उस धरती पर खड़े हैं जिसे हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्ष पहले आबाद किया था। राखीगढ़ी न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक है। यहां विश्व स्तरीय पुरातत्व संग्रहालय, शोध संस्थान, पर्यटन और आधुनिक आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सभी हरियाणा वासियों के लिए गर्व की बात है कि विश्व की सबसे बड़ी और विकसित सभ्यता का महत्वपूर्ण केंद्र हरियाणा में स्थित है। यह महोत्सव इतिहास में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों, अनुसंधानकर्त्ताओं और आम नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
राखी गढ़ी में जन समूह को संबोधित करते हुए सीएम नायब सैनी।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यह महोत्सव युवा पीढ़ी को अपने अतीत से जोड़ने और उसे ज्ञान-विज्ञान की परंपरा से परिचित कराने का अवसर प्रदान करता है। राखीगढ़ी की खुदाई से यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन समाज में महिलाओं को सम्मान और आगे बढ़ने के समान अवसर दिए जाते थे।
उन्होंने बताया कि सिंधु घाटी सभ्यता के पांच विकसित स्थलों में से एक प्रमुख स्थल राखीगढ़ी है। इसे देश के एक प्रतिष्ठित पुरातात्विक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी में 22 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है, जो आने वाले समय में पर्यटन और शोध का प्रमुख केंद्र बनेगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दो पंचायतों को 21-21 लाख रुपए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
ऐतिहासिक विरासत को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राखी गढ़ी में नॉलेज सेंटर राखीगढ़ी की ऐतिहासिक विरासत को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र न केवल देश-विदेश के पर्यटकों और छात्रों के लिए ज्ञान का प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि यह हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। राखी गढ़ी में आधुनिक संग्रहालय 22 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है
यह हड़प्पन नॉलेज सेंटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया के सहयोग से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य केवल ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण ही नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से आमजन, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को हड़प्पा सभ्यता से जोड़ना है।
केंद्र में 3-डी तकनीक के जरिए राखीगढ़ी के इतिहास, जीवनशैली, नगर योजना, संस्कृति और सभ्यता के विभिन्न पहलुओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यहां दी जाने वाली जानकारी अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इसे आसानी से समझ सकें।
मंत्री भी रहे साथ
मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ यहां देश के जाने-माने पुरातत्वविद एवं डेक्कन यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. वसंत शिंदे, मंत्री अरविंद शर्मा व मंत्री रणबीर गंगवा, जिला पार्षद दिनेश श्योराण, सामाजिक कार्यकर्ता विक्की मलिक सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
इस मौके पर सीएम ने राखी गढ़ी में संग्रहालय में स्थापित विशेष प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इसके उपरांत, वे म्यूजियम परिसर स्थित मीटिंग हॉल में अधिकारियों के साथ बैठक की। बाद में, राखी शाहपुर पहुंचकर हड़प्पन नॉलेज सेंटर का विधिवत उद्घाटन किय गया है। उन्होंने दोनों पंचायतों को 21-21 लाख रुपए देने का ऐलान किया।
छात्रों के लिए अनोखा अनुभव
राखीगढ़ी में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित यह कार्यक्रम ऐतिहासिक माना जा रहा है। देश में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है, जिसमें स्कूली छात्र स्वयं पुरातत्वविद् की भूमिका निभाते हुए उत्खनन की वैज्ञानिक प्रक्रिया को करीब से सीखेंगे। इसका उद्देश्य इतिहास को अनुभव-आधारित शिक्षा के माध्यम से जीवंत करना है।
राखी गढ़ी में सीएम को भेंट की गई एक प्राचीन कलाकृति।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अप्पू सहारण ने बताया कि छात्रों को मिट्टी की परतें हटाने से लेकर अवशेषों को सुरक्षित निकालने, उनकी सफाई, पैकिंग और संरक्षण तक की पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इससे बच्चों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि जमीन के भीतर छिपे इतिहास को कितनी सावधानी और जिम्मेदारी से बाहर लाया जाता है।
:राखी शाहपुर स्थित हड़प्पन नॉलेज सेंटर में प्रदर्शित सामान।
मॉक खुदाई बनेगी आकर्षण का केंद्र
मॉक खुदाई के लिए पंचायत भूमि पर 5×5 मीटर आकार के तीन स्ट्रेच तैयार किए गए हैं। इनमें से दो स्ट्रेच में हड़प्पाकालीन वस्तुएं जैसे सील, मनके और चूड़ियों के मॉडल वैज्ञानिक ढंग से दबाए गए हैं, जिन्हें छात्र खुदाई के दौरान खोजेंगे। तीसरे स्ट्रेच में कच्ची ईंटों की दीवारें, प्राचीन कुएं का मॉडल और कंकाल की डमी संरचना बनाई गई है, ताकि छात्रों और पर्यटकों को वास्तविक उत्खनन जैसा अनुभव मिल सके।
इस वर्ष राखीगढ़ी में नियमित खुदाई न होने के कारण यह मॉक एक्सकवेशन पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। छात्र स्वयं पर्यटकों को वास्तविक खुदाई की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे।
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