पंजाब में आई भयानक बाढ़ ने लोगों की जिंदगी को पूरी तरह हिला कर रख दिया। कई गांव पानी में डूब गए, घर तबाह हो गए, फसलें बर्बाद हो गईं और लोग अपने बुनियादी सामान के लिए भी परेशान हो गए। अब जब बाढ़ का पानी उतर रहा है, तो सिल्ट, गंदगी और मलबा गांव-गांव में फैला हुआ है। इस मुश्किल हालात में पंजाब सरकार ने न सिर्फ राहत देने बल्कि पूरे राज्य को दोबारा पटरी पर लाने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम ने साफ किया है कि यह सिर्फ अस्थायी राहत का काम नहीं होगा, बल्कि एक सिस्टमैटिक प्लान के तहत बाढ़ से प्रभावित लोगों की जिंदगी को फिर से सामान्य बनाया जाएगा। इसके लिए सफाई, स्वास्थ्य सेवाओं, किसानों और पशुधन की मदद, और काला बाज़ारी पर सख्त एक्शन जैसी कई योजनाएं एक साथ चल रही हैं।
- 2300 गांवों में सफाई का महाअभियान
बाढ़ का पानी उतरने के बाद गंदगी और बीमारियों का खतरा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। इसे देखते हुए सरकार ने 2300 से ज्यादा गांवों और वार्ड में सफाई का महाअभियान शुरू कर दिया है।
- जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और मज़दूरों की टीमें हर गांव भेजी जा रही हैं।
- इन टीमों का काम होगा:
- मलबा और सिल्ट हटाना
- मरे हुए जानवरों को नष्ट करना
- फॉगिंग करना ताकि मलेरिया, डेंगू और अन्य बीमारियां न फैलें।
इस काम के लिए फंड और समयसीमा:
- सरकार ने ₹100 करोड़ का फंड रखा है।
- हर गांव को तुरंत ₹1 लाख दिया गया है। जरूरत पड़ने पर और पैसा दिया जाएगा।
- 24 सितंबर तक – गांवों से मलबा और सिल्ट हटाने का लक्ष्य।
- 15 अक्टूबर तक – पंचायत भवन, स्कूल और अन्य सामुदायिक जगहों की मरम्मत।
- 22 अक्टूबर तक – सभी तालाबों की सफाई पूरी करना।
- स्वास्थ्य सेवाएं – मेडिकल कैंप और 550 एंबुलेंस
बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसे रोकने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर मेडिकल कैंप लगाने का फैसला किया है।
- 2303 बाढ़ प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप चलेंगे।
- जिन 596 गांवों में पहले से आम आदमी क्लिनिक हैं, वहीं ये कैंप लगाए जाएंगे।
- बाकी 1707 गांवों में:
- स्कूल, धर्मशाला, पंचायत भवन या आंगनवाड़ी केंद्र में कैंप लगाए जाएंगे।
हर कैंप में:
- डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे।
- पर्याप्त मात्रा में जरूरी दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
- 550 एंबुलेंस तैयार रहेंगी ताकि गंभीर मरीजों को तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके।
- पशुधन की सुरक्षा और टीकाकरण
बाढ़ में सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु भी भारी नुकसान झेल रहे हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक 713 गांवों में करीब 5 लाख पशु प्रभावित हुए हैं।
- सरकार ने वेटनरी डॉक्टरों की टीमें गांवों में भेजी हैं।
- मुख्य काम:
- खराब और सड़ा हुआ चारा हटाना।
- किसानों को पोटाशियम परमैंगनेट देना ताकि पानी और चारा साफ रखा जा सके।
- 30 सितंबर तक सभी प्रभावित पशुओं का टीकाकरण पूरा करना।
- किसानों की मदद और फसल खरीद
बाढ़ के कारण किसानों की फसलें खराब हुईं और मंडियां भी पानी में डूब गईं। किसानों की सबसे बड़ी चिंता है कि उनकी मेहनत की फसल समय पर बिके।
- सरकार ने फैसला किया है कि इस बार 16 सितंबर से ही फसल की खरीद शुरू की जाएगी।
- जिन मंडियों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है, उनकी तेजी से सफाई और मरम्मत हो रही है।
- 19 सितंबर तक सभी मंडियां तैयार कर दी जाएंगी, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
- काला बाज़ारी पर ज़ीरो टॉलरेंस – धालीवाल की सख्त कार्रवाई
बाढ़ के बीच कुछ दुकानदार और व्यापारी मुनाफाखोरी करने लगे। उन्होंने जरूरी सामान की कीमतें बढ़ाकर बेचनी शुरू कर दीं।
मुख्य मुद्दे:
- पशु चारा:
- पहले 550 रुपये का 25 किलो पैकेट
- अब 630 रुपये में बेचा जा रहा है।
- बचाव कार्य की नावें:
- लकड़ी की नाव: 30,000 → 60,000 रुपये
- फाइबर/रबर नाव: 30-40,000 → 80,000 रुपये
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कीमत:5 लाख रुपये तक!
- जनरेटर और पेट्रोल की कीमतें भी बहुत बढ़ गई हैं।
सरकार की कार्रवाई:
- कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे और दुकानदारों को चेतावनी दी।
- उन्होंने साफ कहा कि काला बाज़ारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- दुकानदारों के खिलाफ सख्त कदम:
- दुकान का लाइसेंस रद्द
- दुकान सील
- FIR दर्ज
- 24×7 हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है ताकि लोग तुरंत शिकायत कर सकें।
- रोजाना छापेमारी और गुप्त जांच जारी रहेगी।
जनता का रिस्पॉन्स:
- लोगों ने धालीवाल की कार्रवाई का स्वागत किया।
- कहा कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने तुरंत और सख्त कदम उठाए।
- मुख्यमंत्री मान और उनकी टीम की सराहना हो रही है कि उन्होंने राहत शिविरों तक सस्ती दरों पर सामान पहुंचाने का इंतजाम किया।
- लोगों और संस्थाओं से मदद की अपील
सरकार ने जनता, एनजीओ, यूथ क्लब और समाजसेवी संस्थाओं से भी हाथ बंटाने की अपील की है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब हमेशा मिलकर हर संकट का सामना करता आया है।
इस बार भी सरकार और जनता साथ खड़ी होकर बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई करेगी।
मान सरकार का संदेश
भगवंत मान ने कहा,
“यह सिर्फ राहत का काम नहीं, बल्कि पंजाब को दोबारा खड़ा करने का संकल्प है। जब सरकार और जनता साथ खड़ी हो, तो कोई भी संकट बड़ा नहीं रह जाता।”
इस अभियान का नारा रखा गया है:
“ए मान सरकार साडे नाल खड़ी” – यानी मान सरकार हमारे साथ खड़ी है।
भयानक बाढ़ के बाद पंजाब एक कठिन दौर से गुजर रहा है।
- सरकार का महाअभियान साफ दिखाता है कि यह सिर्फ तुरंत राहत देने के लिए नहीं, बल्कि राज्य को दोबारा मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
- सफाई, स्वास्थ्य सेवाएं, किसानों की मदद, पशुधन की सुरक्षा और काला बाज़ारी पर सख्त एक्शन – ये सब कदम मिलकर पंजाब को जल्द ही दोबारा पटरी पर लाने में मदद करेंगे।
जनता को अब भरोसा है कि सरकार सिर्फ वादे नहीं कर रही, बल्कि जमीन पर काम कर रही है और इस मुश्किल समय में लोगों के साथ खड़ी है।