Rekha Gupta के बयान पर Political Storm, AAP बोली – Shri Kartarpur Sahib का किया अपमान

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के एक बयान ने पंजाब की सियासत में बवाल मचा दिया है। रेखा गुप्ता ने एक जनसभा के दौरान श्री करतारपुर साहिब को गलती से ‘करतार सिंह’ कह दिया। इस बयान को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे सिख धर्म व पंजाब का सीधा अपमान बताया है।

आप के वरिष्ठ नेता और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “जब आपको सिख धर्म और पंजाब की संस्कृति के बारे में जानकारी ही नहीं है, तो आप यहां प्रचार करने क्यों आए हैं? बिना जानकारी के ऐसा बयान देना हमारे गुरुओं और धर्म स्थलों का अपमान है।”

चीमा ने रेखा गुप्ता पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “वह एक तरफ उपचुनाव जीतने की बात कर रही हैं और दूसरी तरफ पंजाब की बुनियादी पहचान तक नहीं जानतीं। यह बहुत बड़ा मजाक है।”

उन्होंने कहा, “पंजाब पीरों-फकीरों और गुरुओं की धरती है। अगर कोई यहां प्रचार करने आता है, तो उसका स्वागत है, लेकिन कम से कम यहां की संस्कृति, परंपराएं और धार्मिक स्थलों का तो सम्मान करे।”

हरपाल चीमा ने कहा कि रेखा गुप्ता का यह बयान दिखाता है कि भाजपा को न तो हमारे गुरुओं की इज्जत है, न धार्मिक स्थलों की और न ही पंजाब की जनता की भावनाओं की। उन्होंने दावा किया कि लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में जनता भाजपा की जमानत जब्त करवा देगी।

आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भी इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “रेखा गुप्ता ने श्री करतारपुर साहिब का नाम गलत लेकर सिख धर्म और गुरु नानक देव जी का अपमान किया है। यह वही पवित्र स्थान है जहां गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल बिताए थे और पूरी दुनिया को ‘नाम जपो, कीरत करो, वंड छको’ का संदेश दिया था।”

 

 

कंग ने कहा, “श्री करतारपुर साहिब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि करोड़ों सिखों की आस्था का केंद्र है। भाजपा नेता इस तरह की बातें करके बार-बार साबित करते हैं कि उनकी सोच सिख विरोधी और पंजाब विरोधी है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ऊपर से चाहे जितना भी धर्म और संस्कृति की बातें कर ले, लेकिन उनके नेताओं के बयान उनकी असली मानसिकता को उजागर कर देते हैं।

रेखा गुप्ता के बयान ने भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आम आदमी पार्टी इसे सिख धर्म और पंजाब की बेइज्जती मान रही है और जनता से अपील कर रही है कि इसका जवाब वोट से दिया जाए। अब देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर क्या सफाई देती है और क्या पंजाब की जनता इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी।

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