12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुड़े: Guru Tegh Bahadur Sahib की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर Punjab में “Martyrdom Remembrance Month”

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ इस साल पूरे नवंबर महीने पंजाब में श्रद्धा, सेवा और भाईचारे के माहौल में मनाई जा रही है। नौवें गुरु ने धर्म, इंसानियत और कमजोरों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान किया। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने नवंबर 2025 को शहीदी स्मरण माह घोषित किया है। यह पहला मौका है जब पूरे राज्य में सरकारी स्तर पर पूरे महीने तक लगातार इतने बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

श्रद्धालु और कीर्तन कार्यक्रम:
1 नवंबर से राज्य के हर जिले के गुरुद्वारों में रोज सुबह-शाम कीर्तन, अरदास और कथा का आयोजन हो रहा है। अब तक 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इन कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं। बड़े शहरों जैसे अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर, श्री आनंदपुर साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब में रोज़ शहीदी कीर्तन दरबार आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में पंजाब ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और विदेशों से भी संगत आ रही है।

नगर-कीर्तन और सुरक्षा:
शहरों के मुख्य बाज़ारों और प्रमुख रास्तों पर नगर-कीर्तन निकाले जा रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर पूरे महीने अतिरिक्त पुलिस, होमगार्ड और मेडिकल टीम तैनात की है। प्रबंधन समितियों ने रोशनी, सफाई, पानी, पार्किंग और सुरक्षा की पूरी तैयारी की है। जिले-दर-जिले कंट्रोल रूम बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालु किसी भी परेशानी का सामना न करें।

सेवा और स्वास्थ्य:
मान सरकार ने यह तय किया कि गुरु साहिब की शिक्षा सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित न रहे, बल्कि सेवा और समाज तक पहुंचे। इस लिए पूरे पंजाब में 500 से ज्यादा सेवा शिविर लगाए गए हैं। कई जगह रोज़ लंगर का आयोजन भी किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने 220 मेडिकल शिविर लगाए, जिनमें लगभग 1.4 लाख लोगों का मुफ्त स्वास्थ्य जांच और दवा वितरण किया गया।

शिक्षा और जागरूकता:
शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य में “Moral Education Drive” शुरू की है। 20,000 से ज्यादा स्कूल और कॉलेजों में 10 लाख से अधिक छात्रों ने निबंध, कविता, पोस्टर, भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। छात्रों को यह बताया गया कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत केवल इतिहास नहीं है, बल्कि इंसानियत की रक्षा का सबसे बड़ा उदाहरण है।
सरकार की डिजिटल डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ को ऑनलाइन लाखों बार देखा जा चुका है। यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को तकनीक के साथ जोड़कर घर-घर तक पहुंचाया।

 

 

मुख्यमंत्री का संदेश:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत धर्म की आज़ादी की सबसे बड़ी मिसाल है। उनका बलिदान यह सिखाता है कि धर्म का मतलब नफरत नहीं, बल्कि भाईचारा, साहस और इंसानियत है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि पंजाब का हर बच्चा और युवा यह समझे और इसे अपने जीवन में उतारे।

भाईचारा और समाज में एकता:
इन कार्यक्रमों ने साबित कर दिया कि पंजाब सिर्फ इतिहास नहीं मनाता, बल्कि उसके सीख को समाज में लागू भी करता है। गांवों से लेकर शहरों तक, नौजवानों से लेकर बुज़ुर्गों तक हर कोई यही संदेश दे रहा है कि गुरु साहिब का बलिदान हमेशा ज़िंदा रहेगा। पंजाब की जनता कह रही है: जहां इंसानियत खतरे में हो, वहां खड़े होना ही असली धर्म है।

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