गृह मंत्री Amit Shah ने हाल ही में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और स्पष्ट निर्देश दिए कि हर राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की जाए। यह बातचीत पहलगाम हमले के बाद की गई पहली अहम कार्रवाई थी। जानकारी के अनुसार, अमित शाह ने पहले देश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की, उसके बाद ही मुख्यमंत्रियों को यह निर्देश भेजे गए।
जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तानियों का वीजा रद्द करने का फैसला बुधवार को ही सीसीएस की बैठक के बाद लिया गया था। अब इस संबंध में गृह मंत्री Amit Shah ने भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ऐसा ही करने का निर्देश दिया है। यहां समझने वाली बात यह है कि कई राज्यों में पाकिस्तानी अवैध रूप से रहते हैं, इसलिए अब उनकी पहचान कर उन्हें भारत से बाहर भेजने की बात हो रही है। अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की सूची केंद्र सरकार को भेजी जानी चाहिए ताकि उनका वीजा तुरंत रद्द किया जा सके और उन्हें भारत से बाहर भेजा जा सके।
खैर, जहां एक ओर अमित शाह इस समय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी भी जम्मू-कश्मीर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों ने आवश्यक जानकारी ले ली है और उसके आधार पर अगली रणनीति तैयार की जाएगी। अब ऐसी तमाम गतिविधियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि सरकार कोई बड़ा कदम उठाने जा रही है। हालाँकि, इसका अंदाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से लगाया जा सकता है। उन्होंने बिहार की धरती से आतंकवादियों को खुली चुनौती दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी से कहा था कि आतंकवादियों को उनकी कल्पना से भी अधिक कठोर सजा दी जाएगी, प्रत्येक आतंकवादी को ढूंढकर दंडित किया जाएगा। किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह हमला सिर्फ उन पर्यटकों पर नहीं था, इसने भारत की आत्मा को चोट पहुंचाई है। हम शेष बचे आतंकवादी गढ़ों को भी नष्ट कर देंगे। आतंकवादियों की पहचान की जाएगी और उन्हें मार गिराया जाएगा। बड़ी बात ये रही कि पीएम मोदी ने बात भी अंग्रेजी में की, इस तरह उन्होंने पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया- भारत झुकने वाला नहीं है, भारत आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने वाला है।