मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कुछ किसान संगठन के नेता छोटे किसानों से अवैध रूप से पैसे इकट्ठा कर अपनी निजी संपत्तियाँ बना रहे हैं। इस बयान से किसान नेता नाराज़ हो गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें सार्वजनिक मंच पर आमने-सामने बहस करने का खुला न्योता दिया।
बठिंडा के दो दिवसीय दौरे के दौरान CM मान ने क्षेत्र के पंचों और सरपंचों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ यूनियन नेता किसानों की समस्याओं के नाम पर धन जुटाकर बड़ी-बड़ी ज़मीनों के मालिक बन गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये संगठन बेवजह सड़क और रेल मार्ग जाम कर जनता को परेशानी में डाल रहे हैं और अपने निजी हित साध रहे हैं।
CM ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि कई किसान नेताओं ने राज्य में होटलों और अस्पतालों में भी हिस्सेदारी हासिल कर ली है। उन्होंने किसान नेताओं को कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर उनके साथ लाइव बहस करने की चुनौती दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान यूनियन और किसान दोनों अलग-अलग हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान यूनियनें संघर्ष की आड़ में किसानों से फीस वसूलती हैं। वर्तमान में बीबीएमबी और हरियाणा के साथ जल विवाद चल रहा है, लेकिन पंजाब के किसी भी किसान नेता ने एक शब्द भी नहीं कहा है। किसान यूनियनें बेतुके मुद्दों पर सड़कें और रेलें रोककर अपनी दुकानें चला रही हैं।